दी आर्ट ऑफ लिविंग की तीन दिवसीय लेडीज स्पेशल हैप्पीनेस कार्यशाला का समापन

  • अगली कार्यशाला एक जुलाई को

विशेष संवाददाता
रांची/धनबाद। दी आर्ट ऑफ लिविंग की तीन दिवसीय कार्यशाला (16 से 18 जुलाई) का समापन शनिवार को हुआ। शहर के धैय्या स्थित रेमसन रेसिडेंसी में आयोजित कार्यशाला का नेतृत्व स्टेट टीचर कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह, मीडिया कोऑर्डिनेटर व चिल्ड्रेन टीन्स कोऑर्डिनेटर मयंक सिंह और बीआईटी मेसरा के एलुमनी गौतम जगन्नाथ ने संयुक्त रूप से किया।
तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों ने ज्ञान, ध्यान प्राणायाम, योग आसन और दी आर्ट ऑफ लिविंग की फ्लैगशिप लयात्मिक स्वांस की प्रक्रिया सुदर्शन क्रिया सीखे। जिसके निरंतर अभ्यास से मन शांत, रोग प्रतिरोध शक्ति की वृद्धि, जीवन कार्य में कुशलता व प्रसन्नता, बुद्धि तीक्ष्ण और कार्य में निपुणता प्राप्त होती है।
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  • प्रतिभागियों ने साझा किए अनुभव
    “बहुत ही अच्छा लगा, जितना सोच के आए थे, उससे ज्यादा मिला। यह ज्ञान पहले मिलता तो और बेहतर होता। यह कहना है कार्यशाला में प्रतिभागी चंदा सिन्हा का।
    एक अन्य प्रतिभागी अरुमिका घोष ने इस कार्यशाला में योग ज्ञान में वृद्धि और प्रसन्नता को पाया। वहीं, ऊर्जा में वृद्धि और मन शांत
    ऐसा सुनीता देवी का अनुभव रहा।
    पूनम सिंह ने इस कार्यशाला में अपनी सोच से ज्यादा, रात्रि को निंद्रा में वृद्धि प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि प्राणायाम की निरंतर अभ्यास जारी रखेंगी।
    वहीं, सोनम सिंह ने अपनी ऊर्जा में वृद्धि और कार्य में कंसंट्रेशन पाया।
    गौरी घोष की जीवन की कुछ प्रश्न थे, जिनका उनको जवाब मिल गया और उन्हें जीवन जीने का मकसद मिल गया।
    गौरतलब है कि दी आर्ट ऑफ लिविंग की 156 से भी ज्यादा देशों में कार्यशाला लोकप्रिय है। जिसका लाभ लाखों जन ने पाया है। मयंक सिंह ने बताया कि धनबाद में भी निरंतर आर्ट ऑफ लिविंग की कार्यशाला होती है। इससे काफी संख्या में लोग जुड़कर लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगली कार्यशाला एक जुलाई से शुरू होगी।

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