गणादेश ब्रेकिंगः झारखंड सरकार ने कर्जा चुकाने में खर्च कर दिया एक अरब 50 करोड़, ब्याज देने पर चला गया 20.73 करोड़

अब तक विभिन्न विभागों की योजनाओं पर दी 40923 करोड़ रुपए की मंजूरी
रवि भारती
झारखंड कहने को तो खनिज संपद्दाओं से परिपूर्ण राज्य है। लेकिन रत्नगर्भा झारखंड में कहीं वित्तीय संकट तो नहीं उभर आया है। झारखंड के वित्त विभाग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों के अनुसार झारखंड कर्ज में डूबा दिखाई दे रहा है। आज की तारीख तक झारखंड सरकार नेम कर्जा चुकाने में एक अरब 50 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं। जबकि कर्जा पर ब्याज देने में 20.73 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। राज्य सरकार ने आज की तारीख तक विभिन्न विभागों की योजनाओं के लिए 40923 करोड़ रुपए की मंजूरी दे चुकी है।
खान विभाग को 29.41 करोड़ रुपए की मंजूरी
विवादों में घिरे खान विभाग को राज्य सरकार ने अब तक 29.41 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। वहीं पथ विभाग की योजनाओं के लिए सबसे अधिक 31.29 अरब रुपए की मंजूरी दी है। ऊर्जा विभाग को बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए 11 योजनाओं के लिए 30.52 अरब रूपए की स्वीकृति दी है। कृषि की 17 योजनाओं के लिए 10 अरब 29 करोड़ 86 लाख रुपए की स्वीकृति दी है।
भवन निर्माण विभाग को अब तक मिल चुके हैं पांच अरब
झारखंड सरकार ने भवन निर्माण विभाग को अब तक पांच अबर रूपए की स्वीकृति दे चुकी है। वहीं कैबिनेट डिपार्टमेंट को 25 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वाणिज्यकर विभाग को 75.85 लाख, वन विभाग को 90.88 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 18.95 अरब, गृह विभाग को 12.61 करोड़, पीआरडी को 53.91 करोड़, श्रम विभाग को 82.65 करोड़, पिछड़ा वर्ग विभाग को दो अरब, कार्मिक को 32 लाख, पेयजल विभाग के 2.98 अरब, आपदा प्रबंधन विभाग को 65.57 करोड़, ग्रामीण विकास को 76.19 अरब, उच्च शिक्षा को 83.25 करोड़, आइटी को 22.11 करोड़, परिवहन विभाग को एक अरब 56 करोड़, जलसंसाधन विभाग को 47.90 अरब, प्राथमिक शिक्षा को 81.76 अरब, माध्यमिक शिक्षा को 10.32 अरब और महिला बाल विकास विभाग को 42.72 अरब रूपए की स्वीकृति अब तक दी जा चुकी है।

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