जातीय जनगणना पर रोक को बिहार सरकार ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली/पटना : बिहार में जातीय जनगणना शुरू होने के बाद इस पर अंतरिम रोक लगाने के पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। बिहार सरकार की ओर से अधिवक्ता मनीष सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
इससे पहले यह मामला इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। तब जाति आधारित गणना कराने के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर हुई थी।
जाति आधारित गणना के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने सुनवाई की थी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने तब याचिका पर ये कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ताओं को पटना हाईकोर्ट जाना चाहिए।
इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने पटना हाईकोर्ट में दस्तक दी थी। पटना हाईकोर्ट से याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत मिली, लेकिन कोर्ट ने इस पर तुरंत सुनवाई और कोई फैसला लेने से इनकार कर दिया था। जबकि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से याचिका के जल्द निस्तारण की अपील की थी।
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की बेंच ने 4 मई को ये आदेश दिया था कि सर्वेक्षण वास्तव में एक जनगणना है। इसे केवल केंद्र सरकार की ओर से ही कराया जा सकता है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन वाली बेंच ने बिहार सरकार की ओर से कराए जा रहे जाति आधारित सर्वे पर 3 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी थी।

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