रथयात्रा की तैयारी पूरीं, सुबह पांच बजे से आरंभ होगा दर्शन-पूजन, शाम पांच बजे निकलेगी रथयात्रा

रांचीः राजधानी रांची के जगन्नाथपुर में रथयात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भगवान जगन्नाथ 15 दिनों तक एकांतवास गुरुवार को समाप्त हो गया। मंदिर के मुख्य पुजारी रामेश्वर पाडी ने बताया की अनुष्ठान की शुरुआत सुबह पांच बजे नित्य पूजा से हुई। छह बजे मंगलआरती की गई। 6:30 बजे जगन्नाथाष्टकम के बाद बाल भोग समर्पित किया गया। शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम की भव्य जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाएगी। कोविड के कारण पिछले दो साल से रथ यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था। घुरती रथयात्रा 10 जुलाई को होगी।  एक जुलाई को सुबह पांच बजे मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। दोपहर दो बजे तक दर्शन होगा। इसके बाद दर्शन बंद कर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा, बड़े भाई बलराम और गरुड़ जी के विग्रहों को मंदिर परिसर में लगे नये रथ में विराजमान कराया जाएगा।  शाम पांच बजे जगन्नाथ स्वामी का रथ मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे। शाम 6.45 बजे रथ मौसीबाड़ी मंदिर प्रांगण पहुंचेगी। रात 8.30 बजे मंगलआरती, भोग निवेदन के बाद भगवान का शयन कराया जाएगा। इस साल  भगवान जगन्नाथ के लिए नया रथ बनाया गया है। पिछले दो माह से ओडिशा के पुरी से आए करीब दो दर्जन कारीगरों ने रथ निर्माण किया है।

जानिए श्रद्धालुओं के लिए क्या है समय सारिणी

सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे तक मुख्य मंदिर में  श्री जगन्नाथ स्वामी जी के दर्शन

दोपहर दो बजे श्री सुदर्शन, गरुड़ जी, बलभद्र स्वामी, माता सुभद्रा, श्री जगन्नाथ स्वामी रथ के लिए प्रस्थान 

   दोपहर दो बजे  सभी विग्रहों का रथारुढ़ होना

    ढ़ाई बजे सभी विग्रहों का रथ में श्रृंगार

    दोपहर तीन बजे भक्तों द्वारा श्री विष्णु सहस्त्रनाम पूजा 

    शाम साढ़े चार बजे सहस्त्रनाम द्वारा अर्चित पुष्प को भगवान में समर्पण एवं रथ का रस्सी बांधना

    शाम पांच बजे रथ का मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान

    शाम छह बजे रथ के ऊपर महिलाओं का दर्शन

    शाम 6ः45 बजे सभी विग्रहों का मौसीबाड़ी मंदिर में प्रवेश

    रात आठ बजे सभी विग्रहों का 108 की मंगल आरती

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