सूर्य भगवान को ‘हिरण्यगर्भ’ भी कहा जाता है…

रविवार का दिन हिंदू सनातन धर्म में सूर्य देव को समर्पित है। सूर्य भगवान को ‘हिरण्यगर्भ’ भी कहा जाता है।  हिरण्यगर्भ यानी जिसके गर्भ में ही सुनहरे रंग की आभा है। सूर्य देव ‘आदि’ भी कहे जाते हैं।साथ ही सूर्य देव का आयुर्वेद से भी संबंध है। आयुर्वेद में भगवाना भास्कर को ‘वैद्य’ राज भी कहा जाता है। इनकी कृपा से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान मिलता होता है।

रविवार के दिन सूर्य देव की सूर्य देव की विधि विधान से उपासना की मान्यता है। शास्त्रों के मुताबिक सूर्य देव की नियमित पूजा-अर्चना करने से जातक को आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही मान-सम्मान, धन-दौलत और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष शास्त्र में रविवार के दिन कुछ खास उपाय की भी सलाह दी गई है। इसके मुताबिक ऐसा करने से जातक के जीवन सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।सुबह प्रात:काल नित्य क्रिया से निवृत और स्नान कर भगवान सूर्य दर्शन करना फलदायी होता है।

रविवार के दिन सूर्य देव का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान भास्कर की सच्चे मन आराधाना और व्रत करने से पद-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी तो होती ही है। इसके साथ नेत्र-चर्म समेत कई रोगों से मुक्ति भी मिलती है।

अगर आपको गृह क्लेश का सामना करना पड़ रहा है तो ‘ॐ सूर्याय नम:’ मंत्र का  मन ही मन जाप जरूर करें।

मान्यता के मुताबिक रविवार के दिन काले कुत्ते को रोटी, काली गाय को रोटी खिलाने और काली चिड़िया को दाना डालने से जीवन में आ रही रुकावटें धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।

कहा जाता है कि रविवार के दिन तेल से बने पदार्थ किसी गरीब व्यक्ति को खिलाने से सूर्य देव प्रसन्न रहते हैं।

अगर भाग्य साथ नहीं दे रहा है और आपको आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है तो रविवार की रात सोते समय एक गिलास दूध अपने सिरहाने रख दें और सोमवार को सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान करने के पश्चात उस दूध को बबूल के पेड़ की जड़ में अर्पित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से भाग्य का साथ मिलने लगता है और आर्थिक परेशानियां दूर होने लगती हैं

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