सीमा सुरक्षा बल के दीक्षांत परेड में राज्यपाल बोले,भारत माँ की सेवा और सुरक्षा अहम

हजारीबागः राज्यपाल रमेश बैश ने सीमा सुरक्षा बल के नव आरक्षकों के प्रशिक्षण पूरा होने पर कहा किआप चाहे भारत के किसी हिस्से व कोने के रहने वाले हों, आपके लिए भारत माँ की सेवा और इसकी सुरक्षा अहम है। यही बात आपको ट्रेनिंग में भी सिखाई गई होगी। भारत सिर्फ जमीन का टुकड़ा ही नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हमें जीना भी है इसके लिए और मरना भी है इसके लिए। राज्यपाल शुक्रवार को हजारीबाग में नव आरक्षकों के दीक्षांत परेड में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के सभी नव आरक्षकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने हेतु मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनायें देता हूँ। सहायक प्रशिक्षण केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग के सभी अधिकारी व जवान भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने आप सभी के प्रशिक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दीक्षांत परेड के कुल 369 नव आरक्षकों ने विभिन्न चुनौतियों से निबटने व राष्ट्र की रक्षा हेतु 44 सप्ताह का कठिन प्रशिक्षण लिया है। आज का दिन सीमा सुरक्षा बल के लिये विशेष है। आज आपने राष्ट्रीय ध्वज के समक्ष एक कर्तव्यनिष्ठ प्रहरी के रूप में देश की सेवा में अपने-आप को समर्पित करने की शपथ ली है। आज आप औपचारिक रूप से देश की प्रथम रक्षा पंक्ति सीमा सुरक्षा बल के महत्वपूर्ण सदस्य बन गये हैं। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में इस बल की अहम भूमिका अविस्मरणीय है। इसके जवानों ने अपने अदम्य साहस का अद्वितीय परिचय दिया। इस अवसर पर मैं राष्ट्र की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले बल के सभी वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
मेरे परिवार का भी सेना से गहरा रिश्ता
राज्यपाल ने कहा कि मेरे परिवार का भी सेना से गहरा रिश्ता है। मेरे परिवार के लोगों ने भी सेना में अपनी सेवायें दी है। मेरा मानना है कि जीवन जीने की प्रेरणा सेना से सीखना चाहिये। राष्ट्र प्रेम व अनुशासन का जो जज़्बा भारतीय सेनाओं में मिलेगा, वह किसी और से नहीं मिल सकता। आपकी कर्त्तव्य भावना, बहादुरी और निष्ठा को नमन है। देश जानता है कि आपका जीवन कठिन है, आपकी राहें कंटीली हैं और आपका जीवन तपस्या व बलिदान की गाथा है। आपका यह त्याग करोड़ों देशवासियों को अमन-चैन प्रदान करता है तथा देश को गर्वित महसूस कराता है।राजस्थान की तपती रेत से लेकर गुजरात के रण के दलदली इलाके सहित कश्मीर की बर्फीली चोटियों जैसे जटिल भौगोलिक परिवेश और कठिन से कठिन स्थितियों में भी आप सीमाओं पर निरंतर डटे रहते हैं। सीमा पार से होने वाली गोलीबारी हो या फिर विभिन्न वस्तुओं की तस्करी सहित अन्य सीमावर्ती अपराध, देश को नुकसान पहुंचाने वाले देश के दुश्मनों के खिलाफ आप फौलाद की तरह खड़े हैं। चुनाव, दंगों इत्यादि सहित प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी आप पूरी तत्परता से देश के साथ खड़े रहते हैं। अपनी वीरता और देश के प्रति समर्पण भाव के कारण इस बल ने जनमानस में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

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