15 जुलाई शनिवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:आज समय आपके पक्ष में है। इसलिए इसका बेहतर सदुपयोग करें। पिछले कुछ समय से जिन कामों में रुकावट आ रही थी, आज वह बहुत ही सहज व आसान तरीके से हल हो जाएंगे। वस्त्र, आभूषण जैसी खरीदारी में या उनको व्यवस्थित करने में भी समय व्यतीत होगा। सामाजिक दायरा बढेगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।आराम को समय मिलेगा। धर्म के प्रति निष्ठा बढेगी। स्वास्थ्य सुधार होगा।

वृष:आज आपका दिन मनोनुकूल रहेगा। योजना फलीभूत होंगी । मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। आपके घर में परिवर्तन या सुधार संबंधी कुछ योजनाएं बनेंगी। व्यस्तता के बावजूद आप अपनी रूचि संबंधी कार्यों के लिए भी समय निकाल लेंगे। आपके मन मुताबिक इच्छा पूर्ति होने से आत्मिक खुशी व सुकून मिलेगा। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।

मिथुन:आज आपका दिन आरामदायक रहेगा । परिवार का सहयोग मिलेगा । बड़ो का आशीर्वाद फलीभूत होगा । कार्यक्षेत्र में समय जैसा चल रहा है, उसी पर ध्यान केंद्रित रखें। किसी भी प्रकार की भविष्य संबंधी कार्य प्रणाली की योजना रुककर बनाएं। नौकरी पेशा व्यक्तियों को अपना टारगेट हासिल मेहनत से कर लेंगे। धर्म में विश्वास बढ़ेगा। जीवनसाथी की सलाह से कार्य सिद्ध होंगे। स्वास्थ्य लाभ होगा।

कर्क:आज आपका दिन बेहतर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा । धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। संतान को कोई उपलब्धि हासिल होने से मन प्रसन्न रहेगा। तथा घर में भी उत्सव भरा वातावरण बना रहेगा। धन के निवेश संबंधी योजनाओं के लिए समय उत्तम है। घर में कोई धार्मिक कृत्य भी संपन्न हो सकता है। मित्रमंडली से शुभ समाचार मिल सकता है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

सिंह:आज आपका दिन शुभ फलदायी होगा । मेहनत रंग अवश्य दिखाएगी । कार्यक्षेत्र में की गई मेहनत के परिणाम भी बेहतरीन हासिल होंगे। इस समय अपना पूरा ध्यान अपने काम पर केंद्रित रखें क्योंकि इससे व्यवसाय की स्थिति मजबूत रहेगी। नौकरी पेशा व्यक्तियों को किसी प्रकार सहयोग से फलप्राप्ति होगी । जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। किसी धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। स्वास्थ्य लाभ होगा।

कन्या:आज आपका समय शुभ रहेगा । दिनचर्या में सुधार होगा। ग्रह गोचर इस समय आपके पक्ष में बेहतरीन परिस्थितियां बना रहे हैं। धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करेंगे। अपने अधूरे पड़े हुए कामों को पूरा करने के लिए समय बहुत ही उचित है। परिवार तथा मित्रों के साथ मनोरंजन तथा घूमने-फिरने का भी प्रोग्राम बनेगा। बड़ो का आशीर्वाद फलीभूत होगा । स्वाथ्य में हल्की थकान महसूस कर सकते हैं।

तुला:आज आपका दिन सामान्य रहेगा । मेहनत के अवसर प्राप्त होंगे । व्यवसाय की स्थिति पहले से बेहतर होगी। साथ ही वित्तीय मामलों में भी सुधार हो सकता है। नौकरी से संबंधित कामों में हालात सामान्य ही रहेंगे। किसी भी प्रकार का बदलाव करने की आवश्यकता नहीं होगी । धार्मिक महत्व की तरफ रूचि और बढेगी । स्वास्थ्य सही रहेगा।

वृश्चिक:आज आपका समय नवीन विचारधारा उत्पन्न करने वाला होगा। जीवनसाथी की सकारात्मक सोच उचित फैसले में मददगार रहेगी । समय संतोषजनक चल रहा है। परंतु जल्दबाजी की बजाय शांतिपूर्ण तरीके से काम करना ज्यादा प्रभावी रहेगा। घर के नवीनीकरण तथा साज-सज्जा से संबंधित वस्तुओं की खरीदारी भी रहेगी। धर्म में विश्वास बढेगा। स्वास्थ्य सुधार होगा।

धनु:आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा । आप व्यस्त रहने से आराम को समय कम दे पाओगे । मेहनत शुभफलदायी रहेगी । पैसों के लेनदेन संबंधी कार्यों को करते समय सावधानी रखने की जरूरत है। नौकरी पेशा व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ मधुर संबंध बनाए रखें । मित्रमंडली व सगे सम्बन्धियों को समय दे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

मकर:आज आपका दिन शुभफलदायी रहेगा । सहयोगात्मक भावना से मानसिक शान्ति मिलेगी । साझेदारी संबंधी बिजनेस में पारदर्शिता रखें। इससे आपसी संबंध मजबूत बने रहेंगे। धर्म में विश्वास और रूचि होगी । आज किसी नए काम को शुरू ना करें । बच्चों के साथ समय बिताएँ। जीवनसाथी के सहयोग से मानसिक प्रसन्नता बनेगी । स्वास्थ्य सुधार होगा।

कुंभ:आज आपका दिन शुभ रहेगा। पारिवारिक माहौल खुशनुमा बनेगा । बड़ो का आशीर्वाद फलदायी रहेगा।
रुका या उधार दिया हुआ पैसा हासिल करने के लिए भी आज का दिन उत्तम है। इसके लिए प्रयासरत रहें। आज आपकी मुख्य योजना अपने सभी कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से निपटाने की रहेगी। और आप इसमें काफी हद तक सफल भी रहेंगे। परिवार का माहौल धार्मिक बनेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

मीन:आज आपका दिन शुभफलदायी रहेगा। घर का माहौल सामान्य रहेगा । किसी प्रियजन की चिंता दबाव बना सकती है। मानसिक सन्तुष्टि मिलेगी । कार्यस्थल और आर्थिक मामलों में ध्यान बंट सकता है । किसी अनुभवी व्यक्ति का मार्गदर्शन और सलाह आपके लिए लाभदायक साबित होगी। धार्मिक विचार प्रबल होंगे। स्वास्थ्य सही रहेगा।

🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ll🌞
🌤️ दिनांक – 15 जुलाई 2023
🌤️ दिन – शनिवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – वर्षा ॠतु
🌤️ मास – श्रावण
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – त्रयोदशी रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
🌤️ नक्षत्र – मृगशिरा रात्रि 12:23 तक तत्पश्चात आर्द्रा
🌤️ योग – वृद्धि सुबह 08:22 तक तत्पश्चात ध्रुव
🌤️ राहुकाल – सुबह 09:25 से सुबह 11:05 तक
🌞 सूर्योदय-05:06
🌤️ सूर्यास्त- 06:22
👉 दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि,चतुर्दशी – आर्द्रा नक्षत्र योग (रात्रि 12:23 से 16 जुलाई रात्रि 10:08 तक) (ओमकार का जप अक्षय फलदायी)
💥 विशेष- त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

एक साथ दो योग का लाभ ले | इस मंत्र का सिर्फ एक हजार जप करने से संपूर्ण मनोरथ होंगे पूर्ण⤵️

🌷 कर्क संक्रांति 🌷
16 जुलाई 2023 रविवार को संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12:46 से सूर्यास्त तक)
🙏🏻 इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है ।

🌷 प्रणव’ (ॐ) की महिमा (चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग : 15 जुलाई 2023 शनिवार को रात्रि 12:23 से 16 जुलाई रात्रि 10:08 तक)
🙏🏻 सूतजी ने ऋषियों से कहा : “महर्षियों ! ‘प्र’ नाम है प्रकृति से उत्पन्न संसाररूपी महासागर का | प्रणव इससे पार करने के लिए (नव) नाव है | इसलिए इस ॐकार को ‘प्रणव’ की संज्ञा देते हैं | ॐकार अपना जप करनेवाले साधकों से कहता है – ‘प्र –प्रपंच, न – नहीं है, व: – तुम लोगों के लिए |’ अत: इस भाव को लेकर भी ज्ञानी पुरुष ‘ॐ’ को ‘प्रणव’ नाम से जानते हैं | इसका दूसरा भाव है : ‘प्र – प्रकर्षेण, न – नयेत, व: -युष्मान मोक्षम इति वा प्रणव: | अर्थात यह तुम सब उपासकों को बलपूर्वक मोक्ष तक पहुँचा देगा|’ इस अभिप्राय से भी ऋषि-मुनि इसे ‘प्रणव’ कहते हैं | अपना जप करनेवाले योगियों के तथा अपने मंत्र की पूजा करनेवाले उपासको के समस्त कर्मो का नाश करके यह उन्हें दिव्य नूतन ज्ञान देता है, इसलिए भी इसका नाम प्रणव – प्र (कर्मक्षयपूर्वक) नव (नूतन ज्ञान देनेवाला) है |
🙏🏻 इस मायारहित महेश्वर को ही नव अर्थात नूतन कहते हैं | वे परमात्मा प्रधान रूप से नव अर्थात शुद्धस्वरुप है, इसलिए ‘प्रणव’ कहलाते हैं | प्रणव साधक को नव अर्थात नवीन (शिवस्वरूप) कर देता है, इसलिए भी विद्वान पुरुष इसे प्रणव के नाम से जानते हैं अथवा प्र – प्रमुख रूप से नव – दिव्य परमात्म – ज्ञान प्रकट करता है, इसलिए यह प्रणव है |

🙏🏻 यध्यपि जीवन्मुक्त के लिए किसी साधन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह सिद्धरुप है, तथापि दूसरों की दृष्टि में जब तक उसका शरीर रहता है, टीवी तक उसके द्वारा प्रणव – जप की सहज साधना स्वत: होती रहती है | वह अपनी देह का विलय होने तक सूक्ष्म प्रणव मंत्र का जप और उसके अर्थभूत परमात्म-तत्त्व का अनुसंधान करता रहता है | जो अर्थ का अनुसंधान न करके केवल मंत्र का जप करता है, उसे निश्चय ही योग की प्राप्ति होती है | जिसने इस मंत्र का ३६ करोड़ जप कर लिया हो, उसे अवश्य ही योग प्राप्त हो जाता है | ‘अ’ शिव है, ‘उ’ शक्ति है और ‘मकार’ इन दोनों की एकता यह त्रितत्त्वरूप है, ऐसा समझकर ‘ह्रस्व प्रणव’ का जप करना चाहिए | जो अपने समस्त पापों का क्षय करना चाहते हैं, उनके लिए इस ह्रस्व प्रणव का जप अत्यंत आवश्यक है |
🙏🏻 वेद के आदि में और दोनों संध्याओं की उपासना के समय भी ॐकार का उच्चारण करना चाहिए | भगवान शिव ने भगवान ब्रम्हाजी और भगवान विष्णु से कहा : “मैंने पूर्वकाल में अपने स्वरूपभूत मंत्र का उपदेश किया है, जो ॐकार के रूप में प्रसिद्ध है | वह महामंगलकारी मंत्र है | सबसे पहले मेरे मुख से ॐकार ( ॐ ) प्रकट हुआ, जो मेरे स्वरूप का बोध करानेवाला है | ॐकार वाचक है और मैं वाच्य हूँ | यह मंत्र मेरा स्वरुप ही है | प्रतिदिन ॐकार का निरंतर स्मरण करने से मेरा ही सदा स्मरण होता है |
🙏🏻 मुनीश्वरो ! प्रतिदिन दस हजार प्रणवमंत्र का जप करें अथवा दोनों संध्याओं के समय एक-एक हजार प्रणव का जप किया करें | यह क्रम भी शिवप्रद की प्राप्ति करानेवाला है |
🙏🏻 ‘ॐ’ इस मंत्र का प्रतिदिन मात्र एक हजार जप करने पर सम्पूर्ण मनोरथों की सिद्धि होती है |
🙏🏻 प्रणव के ‘अ’ , ‘उ’ और ‘म’ इन तीनों अक्षरों से जीव और ब्रम्ह की एकता का प्रतिपादन होता है – इस बात को जानकर प्रणव ( ॐ ) का जप करना चाहिए | जपकाल में यह भावना करनी चाहिए कि ‘हम तीनों लोकों की सृष्टि करनेवाले ब्रम्हा, पालन करनेवाले विष्णु तथा संहार करनेवाले रुद्र जो स्वयंप्रकाश चिन्मय हैं, उनकी उपसना करते हैं | यह ब्रम्हस्वरूप ॐकार हमारी कर्मन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों की वृत्तियों को, मन की वृत्तियों को तथा बुद्धि की वृत्तियों को सदा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले धर्म एवं ज्ञान की ओर प्रेरित करें | प्रणव के इस अर्थ का बुद्धि के द्वारा चिंतन करता हुआ जो इसका जप करता है, वह निश्चय ही ब्रम्ह को प्राप्त कर लेता है | अथवा अर्थानुसंधान के बिना भी प्रणव का नित्य जप करना चाहिए | 🙏🏻 (‘शिव पुराण’ अंतर्गत विद्धेश्वर संहिता से संकलित)
👉🏻 भिन्न-भिन्न काल में ‘ॐ’ की महिमा
आर्दा नक्षत्र से युक्त चतुर्दशी के योग में (दिनांक 15 जुलाई 2023 शनिवार को रात्रि 12:23 से 16 जुलाई रात्रि 10:08 तक) प्रणव का जप किया जाय तो वह अक्षय फल देनेवाला होता है |

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