मयूराक्षी नदी पर बने पुल का नाम बाबा तिलका मांझी के नाम करने की भाजपा की मांग

रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य सरकार से मांग की कि वह मयूराक्षी नदी पर बने पुल का नाम स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम योद्धा में एक बाबा तिलका मांझी के नाम पर करे।

प्रतुल ने कहा कि ऐसा करना ना सिर्फ पूरे संथाल परगना, झारखंड बल्कि देश के लिए गौरव का विषय होगा। प्रतुल ने कहा कि बाबा तिलका मांझी ने 1784 ई में ही आजादी का झंडा बुलंद किया था और तत्कालीन ब्रिटिश कमिश्नर अगस्तस क्लेवलैंड की गुलेल और तीर से मारकर हत्या कर उलगुलान की शुरुआत की थी।बाबा तिलका मांझी और उनके अनुयायियों ने जंगल से अनेक हफ्तों तक अंग्रेजों के छक्के छुड़ा कर रखे थे। बाद में धोखे से उन्हें पकड़ कर फांसी पर चढ़ा दिया गया।प्रतुल ने कहा कि ऐसा करना बाबा तिलका मांझी की शहादत के प्रति एक छोटी सी श्रद्धांजलि होगी।

प्रतुल ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि वह कब तक भाजपा के सरकार के समय शुरू की गई योजना का उद्घाटन कर जबरदस्ती श्रेय लेने की कोशिश करते रहेंगे? प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री एक भी योजना बताएं जो उनके सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई हो और जिसका उद्घाटन भी इन्होंने किया हो।

प्रतुल ने कहा कि मयूराक्षी नदी पर बने पुल का टेंडर 1 सितंबर, 2017 को हुआ था और संवेदक ने कार्य आवंटन के बाद कार्य को 12 फरवरी 2018 को प्रारंभ भी कर दिया था।इसके अतिरिक्त पूल के पास के रोड के भी टेंडर को 22 अक्टूबर ,2019 को खोलकर कार्य संवेदक को आवंटित कर दिया गया था।

प्रतुल ने कहा कि इस सरकार का फोकस विकास पर रहा ही नहीं है। यह सिर्फ लूट और खसोट में लगी रही है।नहीं तो 4 वर्ष का समय काफी होता है किसी सरकार को अपनी योजना का प्रारंभ कर उसका उद्घाटन करने के लिए। लेकिन मुख्यमंत्री के खाते में ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है।प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यकाल देखते-देखते भाजपा के कार्यकाल की योजनाओं का ही उद्घाटन करते-करते समाप्त हो जाएगा।
आज की प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाइक, प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा के महामंत्री बिंदेश्वर उरांव,मंत्री रोशनी खलखो उपस्थित थे।

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