राजद नेता शिवानंद तिवारी ने चुनाव आयोग को बताया नपुंसक,पीएम को बताया भयभीत

अररिया:राजद के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य शिवानंद तिवारी के चुनाव आयोग को लेकर बिगड़े बोल निकले।अररिया में बुधवार को उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए चुनाव आयोग को नपुंसक करार दिया।उन्होंने प्रधानमंत्री पर प्रहार के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री देश के अन्य व्यवस्था के उच्च पदों पर अपने इशारे पर चलने वाला शख्स को बैठा रहे हैं।उन्होंने कर्नाटक चुनाव में खुलेआम बजरंग बली का नाम लेकर चुनाव लडे जाने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि भारत के संविधान स्पष्ट कहता है कि कोई भी धर्म के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकता है।मंदिर मस्जिद परिसर से चुनाव नहीं लडा जा सकता।बावजूद इसके ऐसा हो रहा है,कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।उन्होंने देश की हालत इमर्जेंसी से भी बदतर बताई और प्रधानमंत्री को पटना में हुए विपक्षी पार्टियों की बैठक से भयभीत होने की बात कही। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने देश में इमरजेंसी से बदतर स्थिति होने की बात करते हुए कहा कि यहां बोलने की आजादी छीन ली जा रही है। उन्होंने कहा कि संविधान में इमरजेंसी का प्रावधान था जिसके तहत 70 के दशक में इमरजेंसी लगाया गया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गलत ढंग से इसका इस्तेमाल किया था। लेकिन आज की स्थिति उस इमरजेंसी कॉल से भी बदतर स्थिति है। जहां विपक्षी दलों को चोर और देशद्रोही बना दिया जाता है। हालात यह है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलने वाला चोर और देशद्रोही हो जाता है, लेकिन उसकी पार्टी में जाने के साथ ही वह इन आरोपों से मुक्त हो जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्यप्रदेश के भोपाल से किए गए सभा में संबोधन को उन्मादी तरीका वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री के भयभीत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पटना में हुए विपक्षी दलों की बैठक से प्रधानमंत्री और भाजपा मैं बेचैनी और आत्मविश्वास की कमी साफ दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा और उनके गठबंधन को 40 फ़ीसदी से कम मत मिले थे। लेकिन विपक्ष में मिले साठ फीसदी वोट का बटवारा हो गया था। जिसके कारण द्वारा नरेंद्र मोदी की सरकार बनी। लेकिन विपक्षी एकता का पटना में जो संकल्प लिया गया, वह अगर सफल हो जाता है तो आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार गिरना तय है। उन्होंने कहा कि आज मणिपुर जल रहा है। 40 से 50 हजार लोग घर छोड़कर पलायन कर गए हैं। केंद्र सरकार के मंत्री के घर जलाए गए, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक बार भी मन की बात से लेकर संबोधन में मणिपुर का ना जिक्र किया और ना ही लोगों को सांत्वना दी। उन्होंने प्रधानमंत्री के अडानी के साथ संबंध को लेकर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि 2014 के शपथ ग्रहण समारोह में नरेंद्र मोदी अडानी के प्राइवेट जहाज से शपथ के लिए पहुंचे थे। उस समय धनी लोगों की सूची में अडानी का स्थान 409 नंबर पर था और आज वह तीसरे स्थान पर आ गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ अडानी विदेश दौरे पर जा रहे हैं।श्रीलंका के बिजली बोर्ड के पदाधिकारी ने सीधे भारत के प्रधानमंत्री पर अडानी को ठेका देने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। जिसकी संसद के ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से जांच कराये जाने की मांग की गई,लेकिन प्रधानमंत्री इसकी जांच नहीं करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के रिपोर्ट में हरेक साल आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ रही है। इसका मूल कारण महंगाई और बेरोजगारी है। सबसे अधिक आत्महत्या और नशे का प्रयोग हताशा में युवा वर्ग कर रहे हैं।
राजद नेता शिवानंद तिवारी फारबिसगंज स्थित जगदीश मिल्स कैंपस में आए हुए थे। उन्होंने कहा कि 1974 के आंदोलन के दौरान भी फारबिसगंज आकर इस परिसर में ठहरे हुए हैं।कहा कि जगदीश मिल्स कैंपस न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम,बल्कि छात्र आंदोलन और नेपाल में रानाशाही के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई का केंद्र बिंदु रहा है।नेपाली कांग्रेस की नीव वीपी कोइराला के साथ मिलकर यही रखी गई थी और समाजवाद विचार वाले इस परिवार से उसका पुराना संबंध रहा है। वहां विद्यानारायण गुप्ता और उनके परिवार के लोगों से मिलने के लिए आए हुए था।

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