04 नवंबर शुक्रवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। आप काफी सक्रिय रहेंगे। कार्यक्षेत्र में प्रगति होगी। दिन आनंद पूर्वक बीतेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग मिलेगा। शुभ चिंतकों की सलाह पर ध्यान देना चाहिए। सलाह है कि अति उत्साह में सेहत की अनदेखी ना करें।

*वृष: आज आपका दिन मंगलमय होगा। सगे संबंधियों से मुलाकात हो सकती है। दिन उत्सव और आनंद में बीतेगा। शत्रुओं पर विजय कर पाएंगे। अधूरे कार्य संपन्न होंगे। कोई शुभ सूचना मन को प्रसन्न रखेगी। वैवाहिक जीवन में काफी रोमांटिक नजर आएंगे। बच्चों से खुशी मिलेगी।

*मिथुन:आज आपका दिन बढिया रहेगा। लेखक और कलाकार अपने क्षेत्र में कुछ अलग और बेहतर कर सकते हैं। मन में कल्पना की तरंगे उठेंगी। रोमांटिक मूड में रहेंगे। लोगों से विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। आपका सम्मान और महत्व बढ़ेगा।

*कर्क:आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा। आपकी मनःस्थिति नकारात्मकता की ओर प्रेरित करेगी इसका ध्यान रखें । मन को सकारात्मक रखें। परिवार में आपसी तालमेल और सहयोग के लिए योगदान दें। खुद को सबल रखें। जीवनसाथी की भावनाओं को समझें धन लाभ होगा। धार्मिक विचारों में वृद्धि होगी।

*सिंह:आज आपका दिन उत्साह से भरपूर रहेगा। नींद अच्छी आएगी। मानसिक रूप से आज आप बहुत हल्कापन महसूस करेंगे। आपके मन पर छाए हुए चिंता के बादल हटने से आपके उत्साह में वृद्धि होगी। शॉपिंग कर सकते हैं, अपनों से मेल-मुलाकात होगी। यात्रा का योग है।

*कन्या: आज आपका दिन मनोनुकूल रहेगा। आज रुका हुआ धन आपको प्राप्त हो सकता है। धन निवेश के लिए दिन लाभकारी है। स्वयं पर विश्वास रखकर ही आज कार्यों को क्रियान्वित करें। खान-पान के मामले में संयम रखें। सामाजिक जीवन में सक्रिय रह सकते हैं। यात्रा हो सकती है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

*तुला:आज आपका दिन खुशनुमा व अनुकूल रहेगा। बीमार लोगों की सेहत में सुधार होगा। सुबह से ही आप सक्रिय रहेंगे और काम को समय पर पूरा कर लेंगे। पारिवारिक जीवन में प्रेम और आपसी सहयोग बढ़ेगा। दोपहर के बाद अधिक आनंदित और उत्साहित रहेंगे। यात्रा हो सकती है। सामाजिक दायरा बढेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा।

*वृश्चिक:आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा। सुस्ती रहेगी , खान-पान का ध्यान रखें। दूसरों के मामले में हस्तक्षेप से बचें क्योंकि आज किसी का भला करने के चक्कर में आप खुद परेशानी में आ सकते हैं। पैसों की लेन-देन से दूर रहें। धर्म में नीयती रहेगी। स्वास्थ्य आज नरम रह सकता है।

*धनु: आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। दिन विशेष लाभदायी है। निवेश, व्यापार, नौकरी, शिक्षा सभी क्षेत्रों में आज लाभ के संकेत हैं। सभी कार्य समय से पूरे होंगे। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। मान-प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। मित्रों और शुभचिंतकों से संवाद होगा, कोई अच्छी खबर मिलेगी।

*मकर:आज आपका दिन ऊर्जावान रहेगा। आप आज हर काम सरलता से संपन्न कर पाएंगे। नौकरी में आपके उच्च अधिकारी खुश रहेंगे। कार्य की व्यस्तता रहेगी एवं स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। पारिवारिक जीवन भी आज आनंद में बीतेगा। कोई उपहार भी मिल सकता है।

कुंभ:आज आपका दिन सही रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। पूर्वनिर्धारित कार्यों को पूरा करने में सफल होंगे। धार्मिक एवं मांगलिक कार्यो में व्यस्त रहेंगे। परिवार संग खान-पान का आयोजन हो सकता है। मित्रों और सहकर्मियों के सहयोग से मिलेगा।

मीन: आज आपका दिन बढिया रहेगा। आज का दिन संयम और शांति से गुजारें। किसी नए काम को शुरू करने के लिए दिन उचित नहीं है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। दूसरों के मामलों से दूर रहना बेहतर होगा। कार्यक्षेत्र में स्थिति सामान्य रहेगी।
🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 04 नवंबर 2022
🌤️ दिन – शुक्रवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – हेमंत ॠतु
🌤️ मास – कार्तिक
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – एकादशी शाम 06:08 तक तत्पश्चात द्वादशी
🌤️ नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद रात्रि 12:12 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
🌤️ योग – व्याघात 05 नवंबर रात्रि 03:16 तक तत्पश्चात हर्षण
🌤️ राहुकाल – सुबह 10:57 से दोपहर 12:22 तक
🌞 सूर्योदय – 05:53
🌦️ सूर्यास्त – 05:12
👉 दिशाशूल -पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण- देवउठी-प्रबोधिनी
🔥 *विशेष – *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
🌷 देवउठी एकादशी के दिन 🌷
03 नवम्बर 2022 गुरुवार को शाम 07:31 से 04 नवम्बर, शुक्रवार को शाम 06:08 तक एकादशी है ।
💥 विशेष ~ 04 नवम्बर 2022 शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
🙏🏻 देवउठी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को इस मंत्र से उठाना चाहिए
🌷 उतिष्ठ-उतिष्ठ गोविन्द, उतिष्ठ गरुड़ध्वज l
उतिष्ठ कमलकांत, त्रैलोक्यं मंगलम कुरु l l
🌷 भीष्मपञ्चक व्रत 🌷
अग्निपुराण अध्याय – २०५
🙏🏻 अग्निदेव कहते है – अब मैं सब कुछ देनेवाले व्रतराज ‘भीष्मपञ्चक’ विषय में कहता हूँ | कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह व्रत ग्रहण करें | पाँच दिनों तक तीनों समय स्नान करके पाँच तिल और यवों के द्वारा देवता तथा पितरों का तर्पण करे | फिर मौन रहकर भगवान् श्रीहरि का पूजन करे | देवाधिदेव श्रीविष्णु को पंचगव्य और पंचामृत से स्नान करावे और उनके श्री अंगों में चंदन आदि सुंगधित द्रव्यों का आलेपन करके उनके सम्मुख घृतयुक्त गुग्गुल जलावे ||१-३||
🙏🏻 *प्रात:काल और रात्रि के समय भगवान् श्रीविष्णु को दीपदान करे और उत्तम भोज्य-पदार्थ का नैवेद्ध समर्पित करे | व्रती पुरुष *‘ॐ नमो भगवते* *वासुदेवाय’ इस द्वादशाक्षर मन्त्र का एक सौ आठ बार (१०८) जप करे | तदनंतर घृतसिक्त तिल और जौ का अंत में ‘स्वाहा’ से संयुक्त *‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’* – इस द्वादशाक्षर मन्त्र से हवन करे | पहले दिन भगवान् के चरणों का कमल के पुष्पों से, दुसरे दिन घुटनों और सक्थिभाग (दोनों ऊराओं) का बिल्वपत्रों से, तीसरे दिन नाभिका भृंगराज से, चौथे दिन बाणपुष्प, बिल्बपत्र और जपापुष्पों द्वारा एवं पाँचवे दिन मालती पुष्पों से सर्वांग का पूजन करे | व्रत करनेवाले को भूमि पर शयन करना चाहिये |
🙏🏻 एकादशी को गोमय, द्वादशी को गोमूत्र, त्रयोदशी को दधि, चतुर्दशी को दुग्ध और अंतिम दिन पंचगव्य आहार करे | पौर्णमासी को ‘नक्तव्रत’ करना चाहिये | इस प्रकार व्रत करनेवाला भोग और मोक्ष – दोनों का प्राप्त कर लेता है |
🙏🏻 भीष्म पितामह इसी व्रत का अनुष्ठान करके भगवान् श्रीहरि को प्राप्त हुए थे, इसीसे यह ‘भीष्मपञ्चक’ के नाम से प्रसिद्ध है |
🙏🏻 ब्रह्माजी ने भी इस व्रत का अनुष्ठान करके श्रीहरि का पूजन किया था | इसलिये यह व्रत पाँच उपवास आदि से युक्त हैं ||४-९||
🙏🏻 इस प्रकार आदि आग्नेय महापुराण में ‘भीष्मपञ्चक-व्रत का कथन’ नामक दो सौ पाँचवाँ अध्याय पूरा हुआ ||२०५||
💥 विशेष ~ 04 नवम्बर 2022 शुक्रवार से 08 नवम्बर, मंगलवार तक भीष्म पंचक व्रत है ।

         🌞 *~  पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

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