पूर्णिया एसपी दयाशंकर पर सरकार ने नहीं दिखाई दया,कई ठिकानों पर रेड,एसपी आवास पर नोट गिनने की मशीन…

  • विशेष निगरानी इकाई ने आय से 77 लाख अधिक कमाई पर पूछे सवाल

गणादेश ब्यूरो
पटना। आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार के एक आईपीएस अफसर पर सरकार की गाज गिर गई। विशेष निगरानी इकाई ने बिहार के पूर्णिया में पदस्थापित आईपीएस दयाशंकर के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज होने के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।
पूर्णिया के एसपी दयाशंकर पर आरोप हैं कि पद पर रहते हुए उन्‍होंने इसका दुरुपयोग किया है। उन्‍होंने 77 लाख रुपये से अधिक की कमाई की है। विशेष कोर्ट से अनुमति लेकर सुबह से ही एसपी के कई ठिकानों की तलाशी ली जा रही है। पटना व पूर्णिया में छापेमारी में एसटीएफ, बीएमपी का सहयोग लिया जा रहा है। पूर्णिया एसपी के ऑफिस व आवास के अलावा पटना सहित अन्‍य सात-आठ जगहों पर रेड की गई है। बिहार सरकार की स्वतंत्र एजेंसी एसवीयू ने पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के कई ठिकाने पर एक साथ रेड किया हैं।
शुरुआत में बताया गया कि आईपीएस दयाशंकर के यहां आय से अधिक 71 लाख 42 हजार रुपये के सबूत मिले है। एसवीयू ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। दयाशंकर, 2016 बैच के आईपीएस अफसर हैं। बिहार के कई जिले में एसपी रहे हैं। इनका पूर्णिया में पदस्थापन विवादित रहा और लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही हैं। एसवीयू में मिल रही शिकायत के बाद एडीजी नैय्यर हसनैन खां ने एक जांच टीम गठित किया था। जांच में यह पुष्टि हुई की आईपीएस दया शंकर ने कई चल -अचल सम्पत्ति बनायी है, जो इनके आय श्रोत से अधिक हैं।
प्रथम दृष्टया यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा और आय से अधिक पाया गया है। प्राथमिक जांच में 71 लाख 42 हजार के सबूत एसवीयू के हाथ लगा है। कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद एसवीयू की टीम ने मंगलवार की सुबह ही पूर्णिया एसपी दया शंकर के पटना स्थित घर आदि जगहों पर रेड किया। जो देर तक चला। पूर्णिया एसपी आवास पर बाकायदा नोट गिनने की मशीन लाई गई। इनके एक चहेते अफसर,पूर्णिया सदर के थानाध्यक्ष के यहां भी रेड हुआ। उनसे भी पूछताछ चल रही है। एसपी से जुड़े लोग और भ्रष्टाचार में साथ देने वाले से भी एसवीयू की टीम पूछताछ करेगी।
देखा जाए तो लंबे समय के बाद बिहार के किसी आईपीएस के ठिकाने पर रेड हो रही है। एसवीयू की कार्रवाई के बाद भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों में हलचल हो गया है।

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शायद इसलिए बेकाबू हो रहे थे शराब और लॉटरी माफिया…

2016 बैच के आईपीएस दयाशंकर महज 6 साल की नौकरी में करोड़ों के मालिक हो गये थे। ट्रेनिंग पूरा होने के बाद उन्हें पहली बार शेखपुरा जिले की कमान मिली। फिर वहां से पूर्णिया के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा के तबादला के बाद उन्हें पूर्णिया का एसपी बनाया गया था। एसपी का पदभार ग्रहण करने के कुछ ही माह के बाद उन पर रुपए लेकर थानाध्यक्षों की तैनाती करने को लेकर चर्चाएं भी होने लगी थी । बताया जाता है कि एसपी थाना में ज्यादा दिनों तक किसी थानाध्यक्ष को रहने नहीं देते थे। इसके अलावा कई ऐसे थानाध्यक्ष, जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। लेकिन वह अपने रसूख के बलबूते लाइन हाजिर कर उन्हें बचा लेने का काम करते थे । पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसपी के द्वारा कार्रवाई नहीं करने का ही नतीजा था कि हाल के महीनों में पूर्णिया में अपराध का ग्राफ काफी बढ़ गया था। शराब माफिया,लॉटरी माफिया समेत कई माफिया आखिर इतने शक्तिशाली कैसे बनते गए!लूट, हत्या, चोरी, डकैती एवं अन्य आपराधिक घटनाओं में काफी इजाफा हो गया था।

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