जन सुराज पार्टी बनने से पहले PK का बड़ा ऐलान, बोले – जन सुराज के संविधान में होगा Right to Recall का प्रावधान

जनता के पास होगा चुने हुए प्रतिनिधियों को कार्यकाल के बीच वापस बुलाने का अधिकार

अनूप कुमार सिंह
पटना। जन सुराज अभियान 2 अक्टूबर को पार्टी का रूप लेने जा रहा है। उससे पहले प्रशांत किशोर अपनी पदयात्रा व विभिन्न बैठकों के माध्यम से जनता के सामने जन सुराज पार्टी की रूपरेखा पर चर्चा कर रहे हैं। साथ ही वे यह भी बता रहे हैं कि जन सुराज किस तरह से अन्य राजनीतिक दलों से अलग और बेहतर विकल्प होगा। इसी कड़ी में उन्होंने महत्वपूर्ण ऐलान किया है कि जन सुराज देश की पहली पार्टी होगी जो अपने संविधान में राइट टू रिकॉल यानी चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाने का प्रावधान जोड़ेगी। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि जन सुराज अपने संविधान में यह प्रावधान जोड़ रहा है! जिससे मतदाता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके कार्यकाल के आधे समय यानी ढ़ाई वर्ष के बाद हटाने का अधिकार रख सकेगी।
राइट टू रिकॉल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम जन सुराज के संविधान में यह बात जोड़ रहे हैं कि जो भी जनप्रतिनिधि जन सुराज से जीतता है। लेकिन किसी कारणवश वह जनता कि उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है। तो जनता के पास यह विकल्प होगा कि जनता उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सकती है। इसके तहत अगर एक निश्चित प्रतिशत मतदाता अपने प्रतिनिधि के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं! तो जन सुराज उस प्रतिनिधि को इस्तीफा देने पर मजबूर कर देगा। यह निश्चित प्रतिशत क्या होगा! इस पर जन सुराज की संविधान सभा में अभी चर्चा चल रही है।वहीं 2 अक्टूबर को जब पार्टी की घोषणा होगी, तो इसे जन सुराज के प्रावधानों में जोड़ दिया जाएगा। हालांकि यह कानून देश में लागू नहीं है। लेकिन जन सुराज अपने सभी प्रतिनिधियों पर इसे अनिवार्य रूप से लागू करेगा। इससे जनता के प्रतिनिधियों की जवाबदेही ओर भी अधिक सुनिश्चित की जा सकेगी।

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