पाला बदलने वाले वार्ड पार्षदों को सबक सिखाने के मूड में मुजफ्फरपुर के वोटर

नृपेन्द्र किशोर
मुजफ्फरपुर: प्रशासन ने नगर निगम चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. अभी मतदाता सूची का पुनरीक्षण हो रहा है. जुलाई के अंत तक चुनाव संभावित है. ऐसे में लोगों के बीच चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. बार-बार पाला बदलने वाले पार्षदों को सबक सिखाने के मूड में वोटर हैं. कुछ पार्षद को छोड़ दें तो अधिकतर के कार्य से लोग काफी असंतुष्ट बताए जा रहे हैं. अब देखना है कि वोटर अपने आक्रोश का इज़हार कैसे करते हैं या फिर सबकुछ समय पर छोड़ शांत बैठ जाते हैं.

बार-बार पाला बदलने वालों के प्रति दिख रहा आक्रोश..

अस्तित्व में आने के साथ ही नगर निगम गुटबंदी की चपेट में आ गया. सरकारी योजनाओं की राशि लूटने वाले पार्षदों को एक जनप्रतिनिधि ने अपने पक्ष में कर मनमाफिक मेयर का चुनाव कराया. जबतक मेयर ने साथ दिया, आल इज ओके रहा. जैसे ही मेयर ने अपने अनुसार काम करना शुरू किया, समर्थक पार्षद विरोधी हो गए. नतीजतन मेयर को हटना पड़ा. यही कहानी निगम में बार-बार दुहराई जाने लगी. ऐसे पार्षदों के खिलाफ लोगों में आक्रोश है जो दोबारा मौका देने के मूड में नहीं हैं. लोगों का कहना है कि हमें ईमानदार और विकास करने वाला प्रतिनिधि चाहिए, न कि अपनी जेब भरना वाला.

ईमानदार अधिकारी को काम नहीं करने देते पार्षद..

विकास से कोसों नाता नहीं रखने वाले पार्षद निगम में ईमानदार अधिकारी को काम नहीं करने देते हैं. अपनी दाल गलती नहीं देख अधिकारी के खिलाफ हो जाते हैं. अपना मेयर होने के कारण योजनाओं को स्वीकृति नहीं दी जाती. यदि योजनाएँ स्वीकृत हो भी गईं तो उसमें तरह तरह के अवरोध पैदा कर बाधित कर दिया जाता और विकास का काम ठप पड़ जाता है. इस कारण शहर का विकास एक लंबे अरसे से ठप पड़ा है.

नल जल योजना में लूटखसोट..

वार्ड नंबर 10 के सुरेश कुमार ने आरोप लगाया कि पार्षदों ने इस योजना में जमकर लूटखसोट की. अधिकतर वार्ड में इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. लोगों के अनुसार शहर की 70 फीसदी आबादी अब तक इस योजना के लाभ से वंचित है. गलियों में बिछाई गई पाइप से पानी घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. कारण समरसेबल पंप अब तक कई वार्ड में नहीं लगाए गए हैं.

पानी तो नहीं मिला, सड़क भी काट दी..

वार्ड नंबर 30 के रंजन महतो, शीला देवी आदि का कहना है कि नल जल योजना के नाम पर गलियों की सड़कों को काट दिया गया, लेकिन उनकी मरम्मत नहीं कराई गई. अलवत्ता लोगों को पानी तो नहीं मिल सका, सड़कें भी चलने योग्य नहीं रहीं. इसे लेकर लोगों में आक्रोश दिख रहा है.

पंचायत चुनाव की तरह हो सकता है परिणाम..

वार्ड 10 के मो. इसराइल, सुशीला देवी, मो. अरमान आदि का कहना है कि पंचायत चुनाव में जिस तरह प्रतिनिधियों के काम से असंतुष्ट होकर परिवर्तन किया, वैसा ही निगम चुनाव में भी हो सकता है. यदि ऐसा हुआ तो मेयर उपमेयर बनने का मंसूबा पाले दिग्गजों को पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है.

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