9 वर्ष के बाद भी विजिलेंस और विभाग की टीम 90 शिक्षकों का नहीं लगा सकी पता

नीरज कुमार झा
पूर्णिया: 9 वर्ष का समय बीतने के बावजूद भी पूर्णिया में शिक्षा विभाग की टीम के द्वारा 2006 से 2015 के बीच बहाल हुए 8194 शिक्षकों में 90 शिक्षकों के फोल्डर प्राप्त नहीं कर सकी है। ऐसे गायब शिक्षकों का पता शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई साल बीतने के बावजूद भी नहीं चल पा रहा है । शिक्षा विभाग और विजिलेंस की टीम के द्वारा दिए गए कई आदेशों को भी पिछले कई सालों से ठेंगा दिखाने का काम किया जा रहा है।
हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की दरियादिली की वजह से ऐसे शिक्षकों को वेतन समेत कई अन्य बुनियादी सुविधाएं भी मिल रही है। जबकि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और इस मामले की जांच कर रहे विजिलेंस की टीम कई बार पत्र लिखकर जिले के संबंधित पदाधिकारी को सख्त हिदायत दी गई थी, कि ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपना फोल्डर विभाग के वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है। उन्हें वेतन समेत कई अन्य सुविधाएं नहीं दें । ऐसे शिक्षकों पर मामला दर्ज करवा कर कठोर कानूनी कार्रवाई भी करें । ऐसे कथित शिक्षक जिन्होंने वेतन प्राप्त कर लिया है । उनसे वेतन वसूली करने की प्रक्रिया शुरू करें । लेकिन इस मामले में सिर्फ चार नियोजन इकाई पर मामला दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है । तमाम कोशिशों के बावजूद भी इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है । जबकि अतिथि शिक्षकों के द्वारा प्रत्येक माह करोड़ों रुपए की राशि वेतन के तौर पर सरकारी खजाने से ली जा रही है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में तैनात एक कर्मी बताते हैं कि ऐसे मामलों में कई अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं । इस मामले की जांच पड़ताल करवाने के बाद कई अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है।

……शिक्षा विभाग को नहीं मिल रहे गायब शिक्षक

ताज्जुब की बात है कि ऐसे 90 शिक्षकों का पता शिक्षा विभाग के वरीय से लेकर कनीय अधिकारियों तक को नहीं चल पा रहा है । जबकि ऐसे शिक्षक प्रतिमाह मोटी रकम वेतन समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं ले रहे हैं। फिलहाल विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर के रूप में रेखा कुमारी की तैनाती जिले में हुई है । इस काम का जिम्मा राजेश कुमार नामक एक पदाधिकारी को सौंपा गया है। इस मामले को लेकर जब अद्यतन जानकारी ली जाती है तो डीपीओ स्थापना के अधिकारी समेत जांच पड़ताल कर रहे टीम के अन्य सदस्य चुप्पी साध लेते हैं। आखिर किसकी शह पर इतने दिन बीतने के बावजूद भी ऐसे शिक्षकों का फोल्डर वेब साइट पर अपलोड नहीं किया गया । शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों और विजिलेंस टीम के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखाने का काम किया जा रहा है।

……क्या है मामला

शिक्षा विभाग के मुताबिक 2006 से 2015 तक बहाल हुए तीन लाख 12 हजार 180 शिक्षकों की जांच विजिलेंस टीम कर रही है। इनमें 89 हजार 874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फोल्डर नियोजन इकाइयों से जांच के लिए विजिलेंस टीम को नहीं मिले हैं।
जिनमे पूर्णिया समेत कई अन्य जिलों के ऐसे शिक्षकों को पिछले वर्ष निर्देश दिया गया था कि अपने सर्टिफिकेट को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। साथ ही, ऐसे शिक्षकों को आगाह किया गया था कि यदि सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो उनकी नौकरी जाएगी। और वेतन मद में भुगतान की गयी राशि की वसूली भी होगी। लेकिन यह आदेश सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया । तमाम कोशिशों के बावजूद भी ऐसे कथित शिक्षकों के द्वारा अपने कागजातों का फोल्डर शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जमा नहीं किया जा सका। जबकि इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा दो वेबसाइट भी जारी कर दिया गया था।

….. शिक्षा विभाग और विजिलेंस की टीम एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं दोष

शिक्षा विभाग और विजिलेंस की टीम के सदस्यों के बातों में काफी अंतर है। दोनों के द्वारा एक दूसरे पर दोष मढ़ने का काम किया जा रहा है। शिक्षा विभाग में कार्यरत ललन कुमार ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व ही फोल्डर जमा करने के प्रतिवेदन को शून्य माना गया था। जबकि विजिलेंस की टीम के राजेश कुमार बताते हैं कि अभी भी 94 शिक्षकों का फोल्डर अपलोड नहीं हुआ है । इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनाथ रजक ने बताया कि जिन्होंने अभी तक अपना फोल्डर जमा नहीं किया है । उन्हें चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। इस मामले को लेकर जल्द ही बड़े स्तर पर कार्रवाई की जाएगी , और इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे।उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। फिलहाल जांच विजिलेंस टीम के जिम्मे है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *