अपडेटः नए रंग में दिख रहा नवगठित झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा , सरकार को घेरा, साहिबगंज में 70 पत्थर खदान व क्रशर की पर्यावरण स्वीकृति रद करने का मामला

पहली बार विधायक सरयू राय और आजसू प्रमुख सुदेश महतो वेल में आ गए

रांचीः झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान मंगलवार को नवगठित झारखंड लोकतांत्रिक मोरचा नए रंग में दिखा। भाजपा और नवगठित झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा ने साहिबगंज में 70 पत्थर खदान व क्रशर की पर्यावरण स्वीकृति रद करने का मामले को लेकर सरकार को घेरा। भाजपा और झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के विधायक आसन के समक्ष आए। मंत्री पर भ्रामक जांच देने का आरोप लगाया। नारेबाजी भी की। प्रभारी मंत्री चम्पाई सोरेन के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट दिखा । सवाल सरयू राय ने उठाया। सरयू राय ने पूछा कि किन नियमों के तहत रद किया गया, फिर किस नियम के तहत कुछ को स्वीकृति दे दी गई। सरयू राय पहली बार आसन के समक्ष आए। आजसू विधायक सुदेश महतो भी आसन के समक्ष पहुंचे। सरयू राय ने साहेबगंज में 70 खदानों-क्रशरों के सीटीओ रद्द किए जाने से संबंधित सवाल किया था. मंत्री से स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर विधायक सरयू राय ने मंत्री के जवाब को चुनौती दे दी. इस मुद्दे पर भाजपा और आजसू विधायकों का भी सरयू राय को समर्थन मिला. सरकार के जवाब से नाखुश भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. पहली बार विधायक सरयू राय और आजसू प्रमुख सुदेश महतो वेल में आ गए. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.सरयू राय ने इसकी जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग की. इस पर प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि विभाग का अपना काम करने का तरीका है. कोई कमेटी बनाने का सवाल नहीं है. इस पर सरयू राय ने कहा कि मंत्री जी भ्रामक और गलत उत्तर दे रहे ।

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