26 जुलाई मंगलवार आज का राशिफल एवम पंचांग

मेष: आज आप एकांत पसन्द नहीं करने वाले हैं , अधिकतर समय घर परिवार व संबंधियों के साथ व्यतीत होगा। जिससे आपसी संबंधों में और अधिक नजदीकियां आएंगी। इस समय ग्रह स्थिति कुछ लाभदायक परिस्थितियों का निर्माण कर रही है, इसलिए समय का भरपूर सदुपयोग करें। स्वाथ्य सुधार होगा लेकिन हल्की थकान महसूस कर सकते है।

वृष:आज रचनात्मक कार्यों तथा पठन-पाठन में विशेष रूचि रहेगी। ताजगी का अनुभव होता रहेगा । चल रही किसी पुरानी समस्या का हल मिलने से बहुत अधिक सुकून महसूस करेंगे। परिवार के बड़े बुजुर्गों के प्रति सेवा भाव रखें तथा उनके मार्ग दर्शन को अपने जीवन में जरूर अपनाएं। आध्यात्मिक रूचि और बढेगी।

मिथुन: आज धन प्राप्ति के योग प्रबल हैं । कोई शुभ सूचना प्राप्त होगी। इसलिए मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित रखें। धार्मिक तथा आध्यात्मिक क्षेत्र के प्रति भी आपका रुझान बना रहेगा। जिससे आप अपने आपको मानसिक रूप से बहुत अधिक स्वस्थ महसूस करेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

कर्क:आज किसी भी फोन कॉल को नजरअंदाज ना करें, क्योंकि कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती है। मार्केटिंग व मीडिया से संबंधित कार्यों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित रखें। ये गतिविधियां आपकी आर्थिक स्थिति के लिए भी बहुत अधिक लाभदायक साबित होंगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से सुधार होगा । मन शान्त रखें।

सिंह:आज का दिन पारिवारिक और आर्थिक दोनों दृष्टि से शुभ दायक है। व्यक्तिगत कार्यों में सफलता मिलने से मानसिक शांति का अनुभव होगा। कठिन से कठिन कार्य को आप अपने दृढ़ निश्चय से पूरा करने की क्षमता रखेंगे। मित्र मण्डली का सहयोग मिलेगा । गलत का विरोध करने की ताकत बढ़ेगी।

कन्या:आज कुछ समय स्वयं के लिए भी व्यतीत करें। आत्म अवलोकन करने से आपको बहुत अधिक मानसिक शांति अनुभव होगी। तथा कई समस्याओं का समाधान भी मिलेगा। आर्थिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए उपलब्धियां ला रहा है। आध्यात्मिक कार्यों में और अधिक रूचि बनेगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

तुला: आप जीवन को सकारात्मक नजरिए से समझने की कोशिश कर रहे हैं जो कि एक बेहतरीन उपलब्धि है। धर्म तथा आध्यात्मिकता के प्रति आपका विश्वास आपके अंदर शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा। चुस्त रहने से मन को खुशी मिलेगी और कार्यसिद्धि भी सकारात्मक रहेगी।

वृश्चिक: घर में नवीनीकरण या परिवर्तन संबंधी कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं बनेंगी। इसके लिए वास्तु संबंधी नियमों का पालन करना उचित रहेगा। परिवार में प्रॉपर्टी या अन्य किसी मुद्दे को लेकर जो गलतफहमी चल रही थी, आज वह किसी की मध्यस्थता से हल हो सकती है। आलस्य दूर करने के लिए प्रयासरत रहें।

धनु: आज समय आपके साथ है इसलिए परिणाम भी सकारात्मक रहेगे । पिछले कुछ समय से चल रही समस्याओं का समाधान मिलने से घर का माहौल भी सकारात्मक हो जाएगा। तथा आपसी संबंधों में मजबूती आएगी। काफी समय से कोई रुकी हुई पेमेंट भी मिल सकती है। जिसकी वजह से आर्थिक स्थिति और अधिक बेहतर बनेगी। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

मकर: कुछ परिवार संबंधी वाद-विवाद आज निपटने से घर में सुकून और शांति भरा वातावरण रहेगा। मन शान्त रहेगा जिससे आप अपनी व्यक्तिगत गतिविधियों पर और अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। किसी नजदीकी मित्र का सहयोग भी आपके मनोबल व आत्मविश्वास को बनाकर रखेगा। समय अनुकूल रहेगा जिससे मन प्रफुल्लित होगा।

कुंभ:सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। प्रतिष्ठा उच्च होगी । लाभदायक संपर्क सूत्र भी स्थापित होंगे। आज कई प्रकार की गतिविधियों में व्यस्तता बनी रहेगी जिससे थकान हो सकती है फिर भी आप थकान के बावजूद बहुत अधिक खुशी महसूस करेंगे। रोजगार के योग है। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

मीन: आज आप ऊर्जा व आत्मविश्वास से युक्त रहेंगे। किसी भी मुश्किल काम को अपने परिश्रम द्वारा हल करने की क्षमता रखेंगे। घर में अविवाहित व्यक्ति के लिए कोई अच्छा रिश्ता आने से घर में उत्सव का सा माहौल रहेगा। स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।मनोरंजन के आसार बनेंगे।

🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 26 जुलाई 2022
🌤️ दिन – मंगलवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – वर्षा ऋतु
🌤️ मास -श्रावण
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – त्रयोदशी शाम 06:47 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
🌤️ नक्षत्र – आर्द्रा 27 जुलाई प्रातः04:09 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
🌤️ योग – व्याघात शाम 04:08 तक तत्पश्चात हर्षण
🌤️ राहुकाल – शाम 04:03 से शाम 05:42 तक
🌞 सूर्योदय – 05:30
🌦️ सूर्यास्त – 06:25
👉 दिशाशूल – उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि, चतुर्दशी-आर्द्रा योग (शाम 06:48 से 27 जुलाई प्रातः 04:09 तक)
🔥 विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 प्रणव’ (ॐ) की महिमा (चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग : 26 जुलाई 2022 को शाम 06:48 से 27 जुलाई प्रातः 04:09 तक)
🙏🏻 सूतजी ने ऋषियों से कहा : “महर्षियों ! ‘प्र’ नाम है प्रकृति से उत्पन्न संसाररूपी महासागर का | प्रणव इससे पार करने के लिए (नव) नाव है | इसलिए इस ॐकार को ‘प्रणव’ की संज्ञा देते हैं | ॐकार अपना जप करनेवाले साधकों से कहता है – ‘प्र –प्रपंच, न – नहीं है, व: – तुम लोगों के लिए |’ अत: इस भाव को लेकर भी ज्ञानी पुरुष ‘ॐ’ को ‘प्रणव’ नाम से जानते हैं | इसका दूसरा भाव है : ‘प्र – प्रकर्षेण, न – नयेत, व: -युष्मान मोक्षम इति वा प्रणव: | अर्थात यह तुम सब उपासकों को बलपूर्वक मोक्ष तक पहुँचा देगा|’ इस अभिप्राय से भी ऋषि-मुनि इसे ‘प्रणव’ कहते हैं | अपना जप करनेवाले योगियों के तथा अपने मंत्र की पूजा करनेवाले उपासको के समस्त कर्मो का नाश करके यह उन्हें दिव्य नूतन ज्ञान देता है, इसलिए भी इसका नाम प्रणव – प्र (कर्मक्षयपूर्वक) नव (नूतन ज्ञान देनेवाला) है |
🙏🏻 इस मायारहित महेश्वर को ही नव अर्थात नूतन कहते हैं | वे परमात्मा प्रधान रूप से नव अर्थात शुद्धस्वरुप है, इसलिए ‘प्रणव’ कहलाते हैं | प्रणव साधक को नव अर्थात नवीन (शिवस्वरूप) कर देता है, इसलिए भी विद्वान पुरुष इसे प्रणव के नाम से जानते हैं अथवा प्र – प्रमुख रूप से नव – दिव्य परमात्म – ज्ञान प्रकट करता है, इसलिए यह प्रणव है |

🙏🏻 यध्यपि जीवन्मुक्त के लिए किसी साधन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह सिद्धरुप है, तथापि दूसरों की दृष्टि में जब तक उसका शरीर रहता है, टीवी तक उसके द्वारा प्रणव – जप की सहज साधना स्वत: होती रहती है | वह अपनी देह का विलय होने तक सूक्ष्म प्रणव मंत्र का जप और उसके अर्थभूत परमात्म-तत्त्व का अनुसंधान करता रहता है | जो अर्थ का अनुसंधान न करके केवल मंत्र का जप करता है, उसे निश्चय ही योग की प्राप्ति होती है | जिसने इस मंत्र का ३६ करोड़ जप कर लिया हो, उसे अवश्य ही योग प्राप्त हो जाता है | ‘अ’ शिव है, ‘उ’ शक्ति है और ‘मकार’ इन दोनों की एकता यह त्रितत्त्वरूप है, ऐसा समझकर ‘ह्रस्व प्रणव’ का जप करना चाहिए | जो अपने समस्त पापों का क्षय करना चाहते हैं, उनके लिए इस ह्रस्व प्रणव का जप अत्यंत आवश्यक है |
🙏🏻 वेद के आदि में और दोनों संध्याओं की उपासना के समय भी ॐकार का उच्चारण करना चाहिए | भगवान शिव ने भगवान ब्रम्हाजी और भगवान विष्णु से कहा : “मैंने पूर्वकाल में अपने स्वरूपभूत मंत्र का उपदेश किया है, जो ॐकार के रूप में प्रसिद्ध है | वह महामंगलकारी मंत्र है | सबसे पहले मेरे मुख से ॐकार ( ॐ ) प्रकट हुआ, जो मेरे स्वरूप का बोध करानेवाला है | ॐकार वाचक है और मैं वाच्य हूँ | यह मंत्र मेरा स्वरुप ही है | प्रतिदिन ॐकार का निरंतर स्मरण करने से मेरा ही सदा स्मरण होता है |
🙏🏻 मुनीश्वरो ! प्रतिदिन दस हजार प्रणवमंत्र का जप करें अथवा दोनों संध्याओं के समय एक-एक हजार प्रणव का जप किया करें | यह क्रम भी शिवप्रद की प्राप्ति करानेवाला है |
🙏🏻 ‘ॐ’ इस मंत्र का प्रतिदिन मात्र एक हजार जप करने पर सम्पूर्ण मनोरथों की सिद्धि होती है |
🙏🏻 प्रणव के ‘अ’ , ‘उ’ और ‘म’ इन तीनों अक्षरों से जीव और ब्रम्ह की एकता का प्रतिपादन होता है – इस बात को जानकर प्रणव ( ॐ ) का जप करना चाहिए | जपकाल में यह भावना करनी चाहिए कि ‘हम तीनों लोकों की सृष्टि करनेवाले ब्रम्हा, पालन करनेवाले विष्णु तथा संहार करनेवाले रुद्र जो स्वयंप्रकाश चिन्मय हैं, उनकी उपसना करते हैं | यह ब्रम्हस्वरूप ॐकार हमारी कर्मन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों की वृत्तियों को, मन की वृत्तियों को तथा बुद्धि की वृत्तियों को सदा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले धर्म एवं ज्ञान की ओर प्रेरित करें | प्रणव के इस अर्थ का बुद्धि के द्वारा चिंतन करता हुआ जो इसका जप करता है, वह निश्चय ही ब्रम्ह को प्राप्त कर लेता है | अथवा अर्थानुसंधान के बिना भी प्रणव का नित्य जप करना चाहिए | 🙏🏻 (‘शिव पुराण’ अंतर्गत विद्धेश्वर संहिता से संकलित)
👉🏻 भिन्न-भिन्न काल में ‘ॐ’ की महिमा
आर्दा नक्षत्र से युक्त चतुर्दशी के योग में (दिनांक 26 जुलाई 2022 को शाम 06:48 से 27 जुलाई प्रातः 04:09 तक) प्रणव का जप किया जाय तो वह अक्षय फल देनेवाला होता है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *