बिहार में 1.78 लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ

पटना : बिहार की नीतीश कैबिनेट की बैठक में आज मंगलवार 2 मई को आखिरकार नई शिक्षक नियमावली पर मुहर लग ही गई है। कैबिनेट की बैठक में 18 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। बैठक में 1,78,026 पदों की स्वीकृति दी गई। पहली से पांचवीं कक्षा तक के 85477, छठी से आठवीं कक्षा तक के लिए 1745, नौवीं और दसवीं के लिए 33186, 11वीं और 12वीं के लिए 57618 पदों की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह भी साफ हो गया है कि शिक्षक बहाली के लिए टीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को अब बीपीएससी की परीक्षा पास करनी होगी। कैबिनेट से पास होने के बाद शिक्षकों के सभी पदों को जिलों से रोस्टर क्लीयरेंस के लिए भेजा जाएगा। जिलों से आरक्षण रोस्टर क्लियर होने के बाद वैकेंसी बीपीएससी को भेजी जाएगी। मई के अंत तक इन पदों पर नियुक्ति के लिए वैकेंसी आ सकती है। इधर कैबिनेट में मुहर लगने से पहले शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन भी लगातार जारी था। हालांकि उनके विरोध को दरकिनार करते हुए मुहर लग गई है। वहीं दूसरी ओर गेहूं और धान खरीदारी के लिए सरकार ने खजाना खोला है।
दिव्यांगों को ट्राई साइकिल
कैबिनेट ने दिव्यांगजनों को बैटरी चलित ट्राई साइकिल उपलब्ध कराए जाने के प्रावधान में 10 हजार की अधिसीमा को समाप्त करते हुए योजना को चालू रखने की स्वीकृति दी है।
गया व मुजफ्फरपुर में डीजल वाले तीन पहिया वाहनों पर रोक
कैबिनेट ने राजधानी पटना के बाद अब गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में डीजल वाले तीन पहिया वाहनों पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। 30 सितंबर 2023 के बाद इन दोनों नगर निगम क्षेत्रों में ऐसी गाड़ियां नहीं चलेंगी। इसके साथ ही, पटना, गया और मुजफ्फरपुर के डीजल चलित मालवाहक वाहनों के लिए अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। कैबिनेट ने गया और मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के नजरिए से 15 साल पुराने डीजल चलित व्यावसायिक वाहनों पर पूरी तरह से रोक की भी मंजूरी दी है। अक्टूबर की 1 तारीख से इन नगर निगम क्षेत्रों में ऐसे वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो जाएगा।

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