झारखंड में एनएच के लिए भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार तुष्टिकरण की कर रही है राजनीति: रविंद्र तिवारी

रांची: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य रविंद्र तिवारी ने राज्य की हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एनएच के लिए भूमि अधिग्रहण में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। साथ ही रैयतों को बाजार से अधिक कीमत नहीं दिलवा रही है।

इससे केंद्र सरकार की योजना धरातल पर उतरने में विलम्ब हो रही है। श्री तिवारी मंगलवार को स्थानीय होटल पर्ल में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कराने में राज्य सरकार एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए कार्य को प्रभावित कर रही है। रैयतों को ओने -पोने कीमतों पर रैयतों से जमीन का सौदा कर रही है। जबकि राज्य सरकार को अपने रैयतों के साथ न्याय करना  चाहिए।बाजार दर से अधिक कीमत देने का कानून है। जमीन अधिग्रहण में देरी पर सचिव ने एनएचआई को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि गुमला क्षेत्र में अधिकांश आदिवासी की जमीन है,राज्य सरकार चार गुना कीमत तय कर जमीन अधिग्रहण कराए। राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतरने देना नहीं चाहती है। प्रदेश के विकास से राज्य सरकार को कोई सरोकार नहीं है।
श्री तिवारी ने गढ़वा में एनएच निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में एक विशेष समुदाय को संरक्षण दिया गया है। जबकि जनहित में सरकार को सभी समुदाय के लिए एक जैसा व्यवहार करना चाहिए।उन्होंने कहा कि गढ़वा बाईपास गढ़वा के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना का 90% काम पूर्ण हो चुका है तथा ग्राम अंचला नावाडीह स्थित कब्रिस्तान बताकर गैरमजरूआ जमीन के भूमि भाग पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा किए जा रहे आपत्ति के मद्देनजर लगभग 500 मीटर एवं ग्राम खजुरी के ग्रामीणों एवं उनके 50 वर्षों से दखल कब्जा लगान रसीद उपलब्ध होने के बावजूद राज्य सरकार के द्वारा उनके अधिकार को नजरअंदाज करने एवं जमीन को झाड़ी बताकर मुआवजा अधिकार से वंचित करने की वजह से 1.1 किलोमीटर काम बाधित है।
केंद्र सरकार ने जब से सड़क सुरक्षा कानून लाया है तब से हिट रन में कमी आई है। इसके अलावा अब लोगों को ऑन लाइन लाइसेंस मिलेगा। कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। कुशल चालक बनाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा। इसमें केंद्र सरकार एक करोड़ रुपए तक सहयोग करेगी।

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