आजादी की लड़ाई के साथ अलग राज्य आंदोलन में भी आदिवासी समाज का बड़ा योगदान: बाबूलाल मरांडी

रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज लातेहार जिलांतर्गत चंदवा में स्व रामदेव गंजू की 8वीं पुण्यतिथि के अवसर पर खरवार भोक्ता संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।श्री मरांडी ने कहा कि भारत के इतिहास में जनजाति समाज का संघर्ष और बलिदान का गौरवशाली इतिहास है।
कहा कि 1857की लड़ाई के पहले ही भगवान बिरसा मुंडा,सिदो कान्हु जैसे वीर महापुरुषों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया,बलिदान दिए। गोली बंदूक और तोपों के आगे तीर धनुष से दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए।
कहा कि अलग झारखंड राज्य की लड़ाई भी लंबे काल तक चली लेकिन अटल बिहारी वाजपेई के पूर्व किसी ने राज्य गठन का सपना पूरा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के इस त्याग और बलिदान को आजाद भारत के सत्ताधारियों ने 60वर्षों तक सम्मान नही दिया।

कहा कि भाजपा की सरकार ने जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास एवम सम्मान केलिए कार्य किया है।

कहा कि अटल जी की सरकार ने अलग झारखंड राज्य का सपना साकार किया। आदिवासियों केलिए अलग मंत्रालय बनाए।संथाली जनजाति भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल किया।

उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास केलिए समर्पित है। आज मोदी मंत्रीमंडल में पहली बार 8मंत्री जनजाति समाज से हैं।

उन्होंने कहा अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर अलग राज्य का गठन किया और आज मोदी सरकार भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस बनाकर पूरे समाज का सम्मान,स्वाभिमान बढ़ाया।

कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद को आज जनजाति समाज की बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी सुशोभित कर रही हैं।

उन्होंने स्व रामदेव गंजू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जो समाज केलिए जीता है,अपना सर्वस्व न्यौछावर करता है उसे आने वाली पीढ़ियां युगों युगों तक याद करते हैं।
कहा कि सफलता केलिए परिश्रम और संघर्ष के अलावा कोई दूसरा रास्ता नही। समाज को अपनी प्रगति और सम्मान की रक्षा केलिए सदैव संघर्ष करना चाहिए।

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