सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसलाः ईडी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने का अधिकार

रांचीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। एससी ने किप्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ईडी द्वारा गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने के अधिकार को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा है कि ईडी द्वारा गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है. अदालत ने कहा है कि जांच के दौरान ईडी, एफआइओ और डीआरआइ अफसरों के सामने दर्ज बयान भी वैध सबूत हैं. आरोपी को ईसीआइआर देना भी जरूरी नहीं है. यह काफी है कि आरोपी को यह बता दिया जाए कि उसे किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने बेल की कंडीशन को भी बरकरार रखा है. बताते चलें कि लोकसभा केंद्र सरकार की ओर से बताया गया था कि 17 साल पहले कानून के लागू होने के बाद किप्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज पांच हजार 422 मामलों में केवल 23 लोगों को दोषी ठहराया गया है. 31 मार्च, 2022 तक ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत करीब एक लाख चार हजार 702 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की और 992 मामलों में चार्जशीट दायर की, जिसमें 869.31 करोड़ रुपये जब्त किए गए और 23आरोपियों को दोषी ठहराया गया.

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