झारखंड खेत मजदूर यूनियन राज्य परिषद का राज्य सम्मेलन संपन्न

रांची: झारखंड खेत मजदूर यूनियन का राज्य सम्मेलन रविवार को अध्यक्ष मंडल कन्हाई मल पहाड़िया अर्जुन कुमार और इम्तियाज़ खान अध्यक्षता में हुई। जिसमें मुख्य रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक , अजय कुमार सिंह गणेश महतो नेमन यादव उपस्थित थे। महेंद्र पाठक ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड खेत मजदूर यूनियन के सम्मेलन ऐसे वक्त पर हो रहा है, जब पूरे दुनिया में युद्ध चल रहा है। दुनिया में विश्व युद्ध की स्थिति बनी हुई है। पहले रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से अधिक दिनों से युद्ध चल रहा है। तो दूसरे तरफ इजरायल और फिलिस्तीन के साथ-साथ कई मुस्लिम देश में युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। यानी कुल मिलाकर हम तीसरी विश्व युद्ध की ओर अग्रसर हैं। जिससे सबसे ज्यादा अगर नुकसान किसी को हो रहा है तो वह मजदूरों का हो रहा है। क्योंकि रोज व रोज मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार को भरण पोषण करना पड़ता है । केंद्र सरकार के जन विरोधी नीतियों के कारण लगातार महंगाई बढ़ रही है। जब से केंद्र में मोदी की सरकार आई है तब से मजदूरों पर हमला बड़े पैमाने पर जारी है। एक तरफ किसानों की जमीन कॉर्पोरेट के हवाले करना चाहती है तो दूसरे तरफ कॉर्पोरेट खेती के कारण खेत मजदूर की स्थिति बद से बदतर होता जा रहा है। नरेगा मजदूरों को भी उचित मजदूरी नहीं मिल रही है। झारखंड में सिंचित जमीन बहुत ही कम है । इसीलिए छोटे-छोटे किसानों के रहने के कारण 3 महीने की खेती खेती पर आधारित मजदूरी बाकी बचे दिनों में नरेगा या दिहाड़ी मजदूरी के रूप में काम करने के लिए विवश है । केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार खेत मजदूरों के लिए किसी भी तरह का नीति निर्धारण नहीं कर रही है। जब झारखंड नहीं बना था तो लाखों लड़के लड़कियां दिल्ली पंजाब मुंबई और दूसरे राज्यों में रोड़ी रोजगार के लिए पलायन करते थे । झारखंड बनने के बाद पलायन रुकना चाहिए था, लेकिन सरकार के उदाशीनता रहने के कारण प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आज भी मजदूर दूसरे राज्यों में रोजी रोजगार के लिए जाने के लिए मजबूर हैं। आज झारखंड खेत मजदूर यूनियन सम्मेलन के अवसर पर राज्य सरकार से मांग करती है ,खेत मजदूर के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाएं। साथ ही मनरेगा में 100 दिन की जगह 200 दिनों की काम की गारंटी ,काम नहीं मिलने पर मुआवजा की गारंटी सरकार करें। मनरेगा मजदूरों को₹500 प्रति दिन 8 घंटा की मजदूरी निर्धारित करें। सम्मेलन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।
खेत मजदूर के लिए एवं खेती पर जीने वाले लोगों के लिए महिला हो या पुरुष प्रतिमा 60 वर्ष की उम्र के सभी लोगों को₹10000 मासिक पेंशन की गारंटी करें।
सभी मजदूरों को 18 000 रुपए प्रतिमा मजदूरी निर्धारित करें।
मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिनों की काम की गारंटी ,काम नहीं मिलने पर मुआवजा एवं 8 घंटे मजदूरी की₹500 मजदूरी की गारंटी करें।
सभी मजदूरों को 20 लख रुपए तक असाध्य रोगियों के इलाज के व्यवस्था राज्य सरकार करें।
मजदूरों के पलायन पर रोक लगाया जाए और राज्य में ही मजदूरों की काम की गारंटी की जाए। सम्मेलन में सर्वसम्मति से कन्हाई मल पहाड़िया को राज्य अध्यक्ष इम्तियाज़ खान को सचिव अर्जुन कुमार को उपाध्यक्ष और आर एन सिंह को सहायक सचिव सहित इकीस 21 सदस्य कमेटी का गठन किया गया 2 नवंबर से लेकर 5 नवंबर तक होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड से 50 साथी भाग लेंगे और हजारों की संख्या में 26 नवंबर को राजभवन के समक्ष महा पड़ाव में भाग लेंगे ।सम्मेलन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ,अजय कुमार सिंह, गणेश महतो ,कन्हाई मल पहाड़िया ,अर्जुन कुमार ,धर्मवीर सिंह, इम्तियाज़ खान ,किरण कुमारी, रणजीत कौल, नदिया मंडल ,कृष्ण गोरी ,मानिक सोरेन ,जवाहर विश्वकर्मा जगदीश प्रसाद महतो ,पिंटू भैया, जमशेद अंसारी, बबलू दास, सुरेंद्र कुमार, सुरेंद्र दीक्षित,मोतीलाल मुर्मू, नेमन यादव, कुलेश्वर भुइयां,राजेंद्र बैठा, हीरेन बावड़ी ,सहित कई लोग मौजूद थे।

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