पानी,बिजली की समस्या से दो चार हो रहे खूंटी की जनता को लोकसभा चुनाव के प्रति नहीं दिख रहा उत्साह…

खूंटी: आसमान से बरस रहे आगे के गोले और गर्म हवाओं से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इस तपती गर्मी में न तो दिन में आराम है और न ही रात में लोगों को चैन है। सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। यही नहीं खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना भी अबतक लंबित है।
लचर सिस्टम से लोग परेशान हो गए हैं।
मुरहू के 16 पंचायतों में नल जल योजना सफेद हाथी बनता जा रहा है।
कई गांव में इसके कार्य अर्ध निर्मित हैं। इस प्रचंड गर्मी में भी सरकार लोगों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रही है। ग्रामीणों का सरकार के वादे और घोषणा पर से भरोसा उठने लगा है। पुराने हैंडपंप पानी उगल नहीं रहा है। ग्रामीण जुगाड टेक्नोलॉजी से किसी तरह काम चला रहे हैं। वैसे भी चुनाव के समय कोई नया काम होना नहीं है,पुराने चल रहे कार्य भी चुनाव के कारण रुके पड़े हैं। इस बीच जब राजनीतिक दल के प्रतिनिधि गांव का दौरा करते हैं तो आक्रोशित ग्रामीण व्यवस्था में बदलाव की बात करते हैं। व्यवस्था से खिन्न ग्रामीणों को लगता है कि पुराने वाले जब कोई काम नहीं किया है तो क्यों न इस बार बदल कर देखे। इसी मौके की तलाश अन्य प्रत्याशी करते हैं और ग्रामीणों को वर्तमान जनप्रतिनिधि के खिलाफ भड़काने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। वोटरों केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से बहुत हद तक जानकारी नहीं होती है,उन्हें मूलभूत सुविधा चाहिए।
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में नल,जल योजना में गड़बड़ी संवेदकों की लापरवाही के कारण हो रही है और इसका खमियाजा ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है। यह समस्या हर साल गर्मी आते ही होती है। इस बार चुनाव का समय है और जनता को अपने सांसद को घेरने का अच्छा मौका मिला गया है।
गनलोया पंचायत से रोशन लाल, गोरा टोली से लोदिया मुंडा, हांसा पंचायत से मनीषा कुमारी और कूदा पंचायत से टोरलेन धान ने कहा कि जन कल्याणकारी योजना को जब धरातल पर उतारना नहीं है तो सरकार योजना क्यों बनाती है। साथ ही झूठे घोषणा क्यों की जाती है। पेयजल को लेकर सरकार करोड़ों रुपए की योजना बनाती है।लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है। हमलोग अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं। अब तो मतदान पर भी कोई उत्साह रहा।
वहीं मुरहू प्रखंड के उप प्रमुख अरुण कुमार साबू का मानना है कि पहाड़ी इलाका होने के कारण इस क्षेत्र में पेयजल की समस्या है। चुनाव के समय मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की बात की जाती है।लेकिन ऐसा होता नहीं है।
खूंटी जिले में अनियमित बिजली की समस्या अबतक समाधान नहीं हो पाया है। शहरी जलापूर्ति योजना का काम अबतक पूरा नहीं हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो और भी बुरा हाल है। दूर दराज से ग्रामीण पानी लाते हैं। ग्रामीणों में चुनाव के प्रति उत्साह नहीं दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *