कहीं बिदक न जाएं कांग्रेसी, तीन निलंबित विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश

रांचीः झारखंड में सियासी भूचाल आ गया है। सरकार में शामिल कांग्रेस के अंदर भी स्थिति ठीक नहीं हैं। कांग्रेस ने अपने तीन निलंबित विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश स्पीकर से कर दी है। सत्ता के गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि सीएम के इस्तीफा के बाद फिर से कैबिनेट की रूप रेखा तय की जाएगी तो कहीं कांग्रेसी बिदक न जाएं। यही वजह की कांग्रेस विधायकों को एकजुट करने की जिम्मेवारी मंत्री आलमगीर आलम को दी गई है। कांग्रेस पूरी तरह से फूंक फूंक कर कदम रख रही है। कैश कांड के बाद कांग्रेस के दूसरे विधायक भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। विधायक भी सर्तक हो गए हैं जो पार्टी लाइन के विपरित धारा में बह रहे थे। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम इस कड़ी कार्रवाई के बाद पार्टी से निलंबित विधायकों के निशाना पर आ सकते हैं। पूर्व से ही इरफान अंसारी और उनके पिता फुरकान अंसारी से इनकी नहीं बनती है। यह तल्खी और बढ़ सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ भी ये मोर्चा खोल सकते हैं। इनकी आपत्ति यह है कि थाने में जब विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह शिकायत दर्ज कराने गए थे राजेश ठाकुर उनके साथ थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के खिलाफ यह तिकड़ी कितना कारगर होगी, यह देखना होगा। फिलहाल इनकी सबसे बड़ी चिंता विधायकी बचाना है।

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