जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फैस्टिवल ‘जिफ’

मुंबई में आयोजित हुआ इंडियन पैनोरमा का सबसे बड़ा फिल्मी प्रमोशन ‘टॉर्च कैम्पेन’.
मुम्बई – जयपुर (ओम दैया )।- जनवरी माह में 6 से 10 तारीख तक होने वाले पन्द्रहवें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फैस्टिवल के जिफ इंडियन पैनोरमा में चयनित 12 विभिन्न भारतीय भाषाई फुल लैंथ फिल्मों के लिए देशभर में चलाया जा रहा टोर्च केम्पियन गुहावाटी, कलकत्ता और चेन्नई होते हुए गुरूवार को मुम्बई पहुंचा.।
ये केम्पियन भारतीय सिनेमा के इतिहास में रीजनल सिनेमा के लिए अब तक का सबसे बड़ा फिल्मी प्रमोशन ‘टॉर्च कैम्पेन’ है. इंडियन पैनोरमा की 12 विभिन्न भारतीय भाषाई फुल लैंथ फिल्मों को लेकर पुरे देश में ये अभियान चलाया जा रहा है, मुम्बई से गिरीश मोहिते की मराठी फिल्म ‘ताथ काना’ भी है इसमें शामिल. । टोर्च केम्पियन में शमिल हुए रोबिन भट्ट ने बताया जिफ टोर्च केम्पियन भारतीय सिनेमा के लिए जरूरी कदम है. इसकी जरुरत थी.

मुंबई में आयोजित हुआ ‘टॉर्च कैम्पेन’ का चौथा चरण
गुरूवार को अंधेरी वैस्ट स्थित ‘द क्लब मुंबई’ में टॉर्च कैम्पेन के चौथे पड़ाव का आयोजन किया गया। जाने-माने फिल्म स्क्रिप्ट राइटर कमलेश पाण्डे, रोबिन भट्ट और विनय शुक्ला रहे कैम्पेन समारोह का आकर्षण रहे। तीनों ही हस्तियों ने जयपुर इंटरनेशनल फैस्टिवल को दुनिया का ऐसा पहला फैस्टिवल बताया जिसमें देश के अलग अलग शहरों में जाकर फिल्मों की लांचिंग की जा रही है और हमारे रीजनल सिनेमा को एक नई दिलवाई जा रही है।
समारोह में शिरकत करने आए कमलेश पांडे फिल्म तेजाब की स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए फिल्म फेयर अवार्ड सौदागर के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड और रंग दे बसंती की स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए आईफा अवार्ड जीत चुके हैं। पच्चीस साल के फिल्मी कैरियर में कमलेश कई कामयाब फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखकर इस क्षेत्र में खासी पहचान कायम की है। कमलेश पाण्डे जिफ इंडियन पैनोरमा के ज्यूरी मेंबर भी हैं.
रॉबिन भट्ट ने अपने बीस साल के स्क्रिप्ट राइटिंग कैरियर में आतिश, सदक, आशिकी और गजनी, कृष, आक्रोश, तेज, ग्रैंड मस्ती, राजा हिन्दुस्तानी, बाजीगर, गद्दर, राजू चाचा, ओमकारा, कोइ मिल गया, किस्मत सहित कई सुपर हिट फिल्मों की स्क्रिप्ट से इस क्षेत्र में शोहरत हासिल की है।
वर्ष 1999 में गॉडमदर जैसी सुपरहिट फिल्म के निर्माता विनय शुक्ला एक बेहतरीन स्क्रिप्ट राइटर भी हैं। इन्होंने हम पांच, ऐतबार, मिर्च, गॉड मदर और दिलजला जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट राइटिंग की है।

रीजनल सिनेमा में ही भारतीय सिनेमा की उम्मीद है – विनय शुक्ला
मुझे गर्व है रीजनल सिनेमा पर और अफ़सोस है हिंदी सिनेमा पर. अगर कभी भारतीय सिनेमा को ऑस्कर मिला तो केवल रीजनल सिनेमा को. रीजनल सिनेमा हिंदी सिनेमा पर थप्पड है. – कमलेश पण्डे
हनु रोज ने बताया कि इस अभियान में पूरे देश से लगभग एक हज़ार निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, अभिनेत्री और फिल्म प्रोफेशनल्स शामिल होंगे और हो रहे हैं. । टोर्च केम्पियन के दौरान बरखा सेनगुप्ता, त्रिमाला अधिकारी, रोहित खंडेलवाल और फिल्म की डायरेक्टर आरती बागड़ी की उपस्थिति में फिल्म चलती रहे जिंदगी का ट्रेलर लांच किया गया.

इंडियन सिनेमा फंड
इससे पूर्व गुहावाटी, आसाम से हनु रोज ने इंडियन सिनेमा फंड घोषणा की है. रोज ने बताया कि इंडियन सिनेमा के प्रमोशन और ग्लोबल डॉयलॉग के लिए जिफ इंडियन सिनेमा फंड की स्थापना करेगा जिसमें फिल्म इंडस्ट्री की कई जानी-मानी हस्तियों को इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जोड़ा जाएगा। इस बात का समर्थन करते हुए रिंकी भुयान सरमा ने इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल होने के लिए अपने नाम की सहमति दी।

लांचिंग समारोह की मुख्य अतिथि फिल्म प्रोड्यूसर रिंकी भुयान सरमा थीं (आसाम के मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी ) तथा गुवाहाटी के संयुक्त पुलिस कमिश्नर पार्थासारथी महन्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। पार्थासारथी स्वयं भी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर हैं।

कोलकाता में रितुपर्णा सेन गुप्ता, गौतम घोष और सास्वत चटर्जी ने की शिरकत

कोलकाता में रितुपर्णा सेन गुप्ता, गौतम घोष और प्रसिद्ध अभिनेता कहानी फिल्म फेम सास्वत चटर्जी ने की शिरकत की थी.

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में विदेशी फिल्मों के लिए एक सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की कैटेगिरी जोड़ी जानी चाहिए
कोलकाता में हनु रोज ने बताया कि आज भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। इसके लिए भारत में आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में विदेशी फिल्मों के लिए एक सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की कैटेगिरी जोड़ी जानी चाहिए। ऐसा करने से भारतीय सिनेमा के स्तर को ग्लोबल बनाने में मदद मिलेगी। इसके लिए भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को विशेष ध्यान देना चाहिए।

इन 12 विभिन्न भारतीय भाषाई फुल लैंथ फिल्मों का किया जा रहा है प्रमोशन
संजय हजारिका के निर्देशन और रिंकी भुयान सरमा द्वारा प्रोड्यूस्ड आसामी फिल्म बोकुल फुलोर डोरे, सीनू रामासामी की तमिल फिल्म मांमनीथम, चिदम्बरम पालनीप्पन एल की मलयाली फिल्म ‘द वन, द मैनी विदिन वन’, सौम्यजीत मजूमदार की बंगाली, इंगलिश और हिन्दी भषा की फिल्म ‘होमकमिंग’, एम. पदमकुमार की तमिल भाषा की विज़िथिरन, गौतम रामचन्द्र की तमिल भाषा की गार्गी, गिरीश मोहिते की मराठी फिल्म ‘ताथ काना’, राधाकृष्ण पार्थीबन की तमिल तेलगू फिल्म शेडो ऑफ दी नाइट, जोशी मैथ्यू की मलयाली नेस्ट ऑफ़ सोरोज, कार्तिक स्वामीनाथन की तमिल फिल्म मुगीझ़, शेरी और दीपेश टी द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म अवनोविलोना और ईशान घोष की बंगाली फिल्म झिल्ली इन सभी फिल्मों की स्क्रीनिंग 6 से 10 जनवरी के मध्य की जाएगी। ‘टॉर्च कैम्पेन’ में इन फिल्मों के ट्रेलर दिखाए जाकर इन फिल्मों के प्रति लोगों में अवेयरनैस जगाई जाएगी। इस मौके पर इन फिल्मों से जुड़े सभी निर्माता और निर्देशक भी मौजूद रहे।

इन शहरों में चलेगा अभियान
15 नवम्बर को गुवाहाटी में लांचिंग तथा 18 नवम्बर को कोलाकाता में दूसरा चरण होने के बाद 26 नवम्बर को चेन्नई में टोर्च केम्पियन के आयोजन के बाद, 1 दिसम्बर को मुम्बई, 16 दिसम्बर चंडीगढ़, 17 दिसम्बर रोहतक, 26 दिसम्बर जोधपुर में आयोजित किया जाएगा। जोधपुर के बाद टॉर्च दिल्ली के फिल्मकारों को सौंप दी जाएगी जो 5 जनवरी को जयपुर लेकर आएंगे।

चार राज्यों के चार शहरों में होगी पुरस्कृत फिल्मों की स्क्रीनिंग
हनु रोज ने बताया कि जयपुर में फैस्टिवल के दौरान 12 फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद पुरस्कृत फिल्मों की देश के चार राज्यों के चार शहरों श्रीनगर, त्रिवेंन्द्रम, हैदराबाद और बैंगलौर में भी स्क्रीनिंग करवाई जाएगी जिनकी तिथियों की घोषणा फरवरी, 2023 में की जाएगी।

12 फिल्मों के लिए रखे गए हैं 12 अवार्ड्स
जयपुर में 6 से 10 जनवरी के मध्य इंडियन पैनोरमा की इन 12 भाषाई फिल्मों के प्रोत्साहन के लिए 12 अवार्ड रखे गए हैं। किस फिल्म को कौनसा आवार्ड दिया जाएगा इसका चयन जिफ द्वारा स्थापित समीक्षकों की एक कमेटी द्वारा किया जाएगा। किसी एक फिल्म को एक से अधिक अवार्ड भी दिए जा सकते हैं और किसी को एक भी नहीं, ये सब चयनकर्ताओं की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही निर्धारित होगा।

ये पांच जाने-माने फिल्म मेकर्स तय करेंगे 12 फिल्मों के अवार्ड
इन बारह फिल्मों की ज्यूरी में हॉलीवुड के जाने माने विजुअल इफेक्ट्स जिम रेगिल शामिल हैं जिन्हें उनकी फिल्म दी लॉर्ड ऑफ दी रिंग्स ट्रिलॉजी में बेस्ट वीजुअल इफेक्ट्स के लिए तीन ऑस्कर और तीन बॉफ्टा अवार्ड मिल चुका है।

दूसरे सदस्य हॉलीवुड के ही स्टीफन केस्टोर हैं। स्टीफन जिम रेगिल की ऑस्कर और बेफ्टा अवार्ड विनिंग फिल्म की वीजुअल इफेक्ट टीम के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं।

इसी प्रकार फ्रांस के मार्क बाश्चेट पेशे से फिल्म प्रोड्यूसर और सिनेमाटोग्राफर हैं। वो अपनी फिल्मों नो मैन्स लैंड, बिफोर दी रेन्स और अडॉप्टेड सन के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्म नो मैन्स लैंड को 2001 में ऑस्कर मिल चुका है। इससे पहले मार्क दो बार जिफ में भाग ले चुके है.

ज्यूरी में इसके अलावा दो भारतीय फिल्मकारों ने भी शामिल होने की सहमति दी है। इनमें बॉलीवुड के जाने-माने स्क्रीन प्ले राइटर कमलेश पांडे हैं. कमलेश पांडे एक भारतीय पटकथा लेखक हैं, जिन्हें विज्ञापन में 30 साल से अधिक, फिल्मों में 20 साल और टेलीविजन में 14 साल का अनुभव है। उन्होंने तेजाब के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार, सौदागर के लिए स्टार स्क्रीन पुरस्कार और रंग दे बसंती के लिए आईफा पुरस्कार जीता है।

1988 में प्रदर्शित चर्चित फिल्म पीरवी के जरिए कॉन्स फिल्म फैस्टिवल में कैमरा-डीओर अवार्ड विनिंग फिल्म पीरवी के निर्देशक और सिनेमाटोग्राफर पद्मश्री शाजी एन करूण भी इस ज्यूरी के पांचवें सदस्य होंगे। शाजी एन करूण जिफ द्वारा मनोनीत इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे।

इस प्रकार इस ज्यूरी में फिल्म निर्माण के सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व रखा गया है।

फेस्टीवल में भाग लेने के लिए जिफ की वेबसाइट http://jiffindia.org/ पर डेलीगेट्स रजिस्ट्रेशन ओपन है।

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