गणादेश एक्सक्लूलिव, एक महीने तक ईडी ने की थी पूजा सिंघल की रेकी, नाम दिया था ऑपरेशन पूजा

रांचीः आइएएस पूजा सिंघल ऐसे ही ईडी के शिकंजे में नहीं आई। इसकी पटकथा दो महीने पहले से ही लिखा जा रही थी। गणादेश आज खोल रहा है पूजा सिंघल पर हुई कार्रवाई का राज। ऑपरेशन पूजा के नाम से ईडी से यह कार्रवाई की। जिसकी भनक तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सरोने को थी न ही झारखंड पुलिस के अफसरों को। पुख्ता सूत्रों के अनुसार ईडी एक महीने पहले से ही इस प्लान में लगी थी। इस एक महीने के दरमियान ईडी ने पूजा सिंघल की रेकी की। ईडी ने एक महीने तक पूजा सिंघल की दिनचर्या का पता लगाया। फिर ईडी ने पूजा सिंघल की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी। पूजा सिंघ कहां कहां किससे मिलती थीं, इसकी भी पूरी जानकारी हासिल की। इससे पहले ईडी ने दिल्ली में पूजा सिंघल से जुड़े 18 ठिकानों के दस्तावेज जुटाए। फिर पांच मई को ईडी की टीम रांची पहुंची। राज्य सरकार को भनक न लगे इसके लिए ईडी ने सीआइएसएफ और सीआरपीएफ का भी सहारा लिया।
जेएसएमडीसी के लिपिक हैं किंग पिन
ईडी की नजर अब जेएसएमडीसी के निम्न वर्गीय लिपिक अशोक कुमार पर हैं। इसके किंग पिन के रूप में देखा जा रहा है। यह शख्स ही पैसा पहुंचाने का काम करता था। राजधानी रांची के हरमू हाउसिंग कालोनी में रहने वाले अशोक कुमार एक सिंडिकेट के जरिये अवैध बालू खनन कराते थे. पुख्ता सूत्रों के अनुसार अशोक कुमार पर देवघर, पलामू, गढ़वा समेत कई जिलों में अवैध बालू उत्खनन कराने का गंभीर आरोप है. अशोक कुमार के सिंडीकेट में रंजीत कुमार, संजीव कुमार, डीएमओ देवघर राजेश कुमार, डीएमओ पलामू, डीएमओ दुमका, डीएमओ साहेबगंज, डीएमओ गढ़वा, रंजन प्रसाद और मो अबदुल्ला नामक व्यक्ति शामिल हैं. बहरहाल पलामू, रांची, दुमका और साहेबगंज के जिला खनन पदाधिकारियों को सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है,

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