PM मोदी के स्वागत भाषण के साथ भारत की अध्यक्षता में G-20 शिखर सम्मेलन प्रारंभ

दिल्ली: राजधानी दिल्ली के G-20 का शिखर सम्मेलन शनिवार को पीएम मोदी के स्वागत भाषण के साथ भारत की अध्यक्षता में शुरुआत हुई। शिखर सम्मेलन में आए कई देशों के राष्ट्रपति और मेहमानों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
पीएम ने संबोधन में 140 करोड़ देशवासियों समेत पूरी दुनिया को अहम संदेश दिया है। मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया. वहीं उनकी सामने रखे बोर्ड में ‘भारत’ लिखा था. पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत अफ्रीकी देश में आए भीषण भूकंप का जिक्र करते हुए की। पीएम मोदी ने इस आपदा पर दुख जताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी।वहीं पीड़ित परिजनों के प्रति अपनी संवेदना को जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरी दुनिया मोरक्को के साथ है, हम हर संभव मदद करने को तैयार हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया विश्वास की कमी से जूझ रही है तथा युद्ध ने इसे और गहरा कर दिया है. हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जब सदियों पुरानी समस्याएं जवाब मांग रही हैं, हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की जरूरत है।
दिल्ली में अगले दो दिनों तक दुनिया के सुपर पावर महामंथन करेंगे।राष्ट्रपति राष्ट्रपति मुर्मू दुनियाभर के जी20 के नेताओं को डिनर देंगी। खास बात ये है कि पीएम मोदी ब्रिटेन, जापान और इटली के प्रधानमंत्रियों से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
G20 के इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनने के लिए तैयार है प्रगति मैदान में भारत मंडपम बन गया है. इस आयोजन के लिए भारत मंडपम में भी तैयारियां हैं. दुनिया के सबसे बड़े और एडवांस  कंवेशन सेंटर में से एक भारत मंडपम को जी20 के लिहाज से खास तरीके से तैयार किया गया है. जहां भारत की संस्कृति और विरासत के अलावा आधुनिक भारत की झलक भी देखने को मिल रही है.
दुनिया के सबसे बड़े मंचों में से एक जी20 समिट में दुनिया की कई महाशक्तियों भारत में मौजूद हैं. इनमें से एक हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जिन्होंने दिल्ली पहुंचते ही पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. बाइडेन और मोदी की मुलाकात के दौरान जबरदस्त कैमिस्ट्री देखने को मिली जिसने चीन को बेचैन कर दिया है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दिल्ली नहीं आए हैं लेकिन मोदी-बाइडेन की द्विपक्षीय बैठक पर जिनपिंग की भी नज़र थी।

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