विद्यापति स्मारक समिति 17 मई को मां जानकी जन्म महोत्सव का आयोजन करेगी

रांची: विद्यापति स्मारक समिति के कार्यालय में मंगलवार को लेखानंद झा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 17 मई को सुबह 10 बजे समिति के कार्यालय में मां जानकी जन्म महोत्सव के उपलक्ष्य में माता जानकी की विधिवत पूजा अर्चना की जायेगी। पंडित निर्भय कांत झा शास्त्री और यजमान संजीव ठाकुर के द्वारा मां जानकी की विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात प्रसाद का वितरण किया जायेगा। समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा ने कहा कि विद्यापति स्मारक समिति प्रतिवर्ष मां जानकी जन्म महोत्सव का भव्य आयोजन करती है। इस वर्ष देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के कारण लगे हुए आचार संहिता में समिति जानकी जन्म महोत्सव के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं करेगी। समिति के द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि आनेवाले समय में इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की तिथि पर निर्णय लिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को मां जानकी प्रकट हुई थी। इसलिए इस तिथि को “मां जानकी जन्म महोत्सव” के रूप में मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार एक बार मिथिला में बड़े भयंकर सूखे से राजा जनक बेहद परेशान हो गए थे। तब इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें एक ऋषि ने यज्ञ करने और खेत में हल चलाने का सुझाव दिया गया था, उन ऋषि-मुनियों के सुझाव पर राजा जनक ने एक यज्ञ कर खेत में हल चलाने की फैसला किया और उन्होंने हल चलाते वक्त एक सोने की घड़ा खेत में टकराया उससे एक सुंदर दिव्य कन्या मिली। उस कन्या का नाम मां सीता/जानकी नाम दिया गया। जिसे राजा जनक ने अपने पुत्री के रूप में अपना लिया। आगे चलकर मां जानकी का विवाह भगवान विष्णु के रामावतार रूप में पुरुषोत्तम श्रीराम से हुआ और मां सीता माता जानकी के रूप में सारा संसार जानती है। मां जानकी नवमी पूरे मिथिला एवं मिथिला वासी में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, इसलिए विद्यापति स्मारक समिति ने “मां जानकी जन्म महोत्सव” मनाने का निर्णय लिया है। इस बैठक में लेखानंद झा, उदित नारायण ठाकुर, श्रेष्ठ नारायण झा, बी के झा, डॉक्टर बच्चा राम झा, श्रीराम मिश्र, दिलीप झा, रंजीत लाल दास, संजीव ठाकुर, रविकांत झा, कृतेष झा आदि मौजूद थे।

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