द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने दिलाई शपथ

देश के लोकतंत्र की यह शक्ति है कि मुझे यहां तक पहुंचायाः द्रौपदी मुर्मू

नई दिल्लीः देश के 15 वीं राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को शपथ ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने द्रौपदी मुर्मू को शपथ दिलाई। द्रौपदी मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं. वे देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. शपथ लेने से पहले द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंचकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कहा, मैं देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं, जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ था. स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी. द्रोपदी मुर्मू ने कहा, मेरा जन्म ओडिशा के एक आदिवासी गांव में हुआ. लेकिन देश के लोकतंत्र की यह शक्ति है कि मुझे यहां तक पहुंचाया., मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी. मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था. लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी. ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है. मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा

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