जोहार परियोजना से जुड़कर बिरसा बनी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा

खूंटी : जोहर परियोजना से जुड़कर जिले की कई महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसकी कड़ी में कसीरा पंचायत – कर्रा की रहने वाली बिरसी होरो है। बिरसा होरो कहती है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। मेरे ग्राम में महिलाओं में हौसले की कमी रही है, अब महिलाएं मुझसे संपर्क करती हैं। मैं उन्हें अपना अनुभव बता कर प्रेरित कर रही हूं।
बिरसी होरो ज्योति आजीविका सखी मण्डल की सद्स्य है। उत्पादक समूह में जुड़ने से पहले परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी और इस कारण से बच्चों की पढ़ाई भी सही से नहीं हो पा रही थी। समूह के माध्यम से योजनाओं की जानकारी हुई। जिसके बाद 2019 में उत्पादक समूह से जुड़कर 3300 रुपये जोहार परियोजना के तहत सहायता राशि मिली। खेती बारी के लिए पहले साल में एक बार धान की खेती किया करती थी। जोहार परियोजना के सहयोग से साल में तीन बार खेती करने लगी। इससे उसकीआमदानी साल में एक लाख रुपये तक पहुँचने लगी है जो कि पहले नहीं होती थी।
बिरसा होरो ने कहा कि मुझे न केवल सही खेती करने की राह मिली बल्कि जोहार परियोजना से हमें मुर्गी पालन के लिए प्रशिक्षण मिला।
प्रशिक्षण प्राप्त कर मैं मदर यूनिट जोहार के सहयोग से चला रही हूं। एक बार में 1500 मुर्गी का चुजा रखते हैं, उसके बाद FPC के माध्यम से उत्पादक समूह को उपलब्ध कराई जाती है। अभी तक हम तीन बार उत्पादक समूह में 4500 मुर्गी दे चुके हैं। इससे हमारी आमदानी सत्तर हजार रुपये हुई है, मुर्गी पालन से हम आगे भी मदर यूनिट चलाएंगे जिससे हमें सीधा लाभ होगा। समूह से जुड़ने से हमारी आर्थिक, सामाजिक और परिवारिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ।

मेरी ये कहानी केवल मेरे जीवन में ही आया बदलाव नहीं है, बल्कि ग्रामीण महिलाएं इससे प्रेरणा लेकर योजना का लाभ प्राप्त कर रही हैं और अपनी आय में बढ़ोतरी कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *