प्रत्येक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने हेतु 2024 का समय निर्धारित

रांची :विश्वा सभागर  में मंगलवार को जल जीवन मिशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक मांडर नेहा शिल्पी तिर्की, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती निर्मला भगत, मनोज साहू सांसद प्रतिनिधि रांची, निदेशक एसबीएम-जी, संयुक्त सचिव एसबीएम-जी, वॉस विशेषज्ञ यूनिसेफ कुमार प्रमंचद एवं वॉस पदाधिकारी यूनिसेफ डा० लक्ष्मी सक्सेना उपस्थित हुए।

विधायक मांडर द्वारा जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक प्राप्त करने के लिए जन प्रतिनिधियों एवं सरकारी पदाधिकारियों को संयुक्त रूप से कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही साथ ग्राम स्तर पर मुखिया एवं जलसहिया को जल जीवन मिशन में चल रहे कार्यों की देखरेख करने का आग्रह किया गया ताकि विभाग द्वारा चल रहे कार्यों की गुणवता अच्छी रहे एवं पूर्ण हो चुके योजनाओं के रख-रखाव हेतु मासिक जल शुल्क प्राप्त करने हेतु ग्रामीणों को जागरूक करने की बात बतायी गयी, जिससे योजना के रख-रखाव हेतु होने वाले खर्च पर सुगमता पूर्वक कार्य किया जा सके।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की निदेशक डा० नेहा अरोड़ा द्वारा रांची जिले की विभिन्न प्रखंडांे से आये मुखिया/पंचायत सचिव/जलसहिया द्वारा उनके क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की जानकारी एवं सुझाव प्राप्त किये गये। उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन हेतु मनरेगा प्लस 15वंे वित एवं स्वच्छ भारत मिशन के अभिषरण से कार्य किया जाना है। साथ ही साथ जिला समन्वयक को निदेश दिया गया कि जिन-जिन जलसहियायों द्वारा सुझाव दिया गया है उनके क्षेत्र में जाकर संबंधित सुझाव का आकलन कर प्रतिवेदन निदेशालय को साझा करें। शुद्ध पेयजल हेतु विभाग से उपलब्ध कराये गये फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) से होने वाली जाँच की जानकारी ली गयी, जिसमें निदेशक एसबीएम-जी  द्वारा सभी प्रखंडों से चयनित मास्टर जलसहिया को अलग से क्षमतावर्द्धन 15 नवम्बर तक कराने की बात बतायी गयी।

कार्यशाला के दौरान कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल रंाची पश्चिम द्वारा बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने हेतु 2024 का समय निर्धारित है। कार्यपालक अभियंता द्वारा बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना एवं एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। मौके पर राज्य समन्वयक, जिला समन्वयक रांची आदि मौजूद थे।

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