झारखंड की राजनीति में बढ़ गई सरगर्मी , सत्ता के गलियारे में मच गई हलचल, जी फाइव की पड़ गयी नींव

रांचीः चलते विधानसभा के बजट सत्र में झारखंड की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। साथ ही सत्ता के गलियारों में भी हलचल मच गई है। वजह यह है कि एक नया जी फाइव अपने रूप रंग में आ गया है। राज्य के पांच विधायकों ने एक साथ मिलकर झारखंड लोकतांत्रित मोर्चा का गठन किया है। इसमें आजसू पार्टी के दो विधायक सुदेश व लंबोदर, एनसीपी के कमलेश सिंह, निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव शामिल हैं। यह जी फाइव आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के नेतृत्व में काम करेगा
एक तीर से कई निशाने को भेदने की है तैयारी
जी फाइव की घोषणा होते ही सत्ता के गलियारों में अब जोर की चर्चा शुरू हो गई है। आखिर इसकी रणनीति क्या होगी। राजनीतिक जानकारों की मानें तो एक तीर से कई निशाने भेदने की तैयारी भी है।
राज्य सभा चुनाव में निभा सकता है अहम भूमिका
जी-फाइव राज्य सभा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है। अगर पूर्व सीएम रघुवर दास को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया गया तो उनकी राह मुश्किल हो सकती है। वजह यह है कि सरयू और सुदेश की जोड़ी अब एक साथ राजनीति में आने से राज्य में नए समीकरण बन सकते हैं। सरयू राय ने पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था। वजह यह भी है कि सरयू और सुदेश दोनों के रघुवर दास से बेहतर रिश्ते नहीं हैं। पिछले चुनाव में भाजपा का आजसू से गठबंधन नहीं हो सका। इस कारण माना जाता है कि दोनों दलों को नुकसान हुआ। वहीं जमशेदपुर के पश्चिमी विधानसभा सीट पर सरयू राय के नाम की घोषणा नहीं की गई। ऐसे में सरयू ने बगावत का रास्ता अख्तियार कर लिया था।

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