मुरहू की जितनी देवी टपक सिंचाई और वैज्ञानिक विधि से खेती कर बन रही आत्मनिर्भर

खूंटी: अफीम की खेती के लिए बदनाम खूंटी जिले में अब माहौल बदलने लगा है। ग्रामीण महिलाएं राज्य सरकार योजनाओं का लाभ उठाकर वैज्ञानिक ढंग से फल और सब्जियों की खेती कर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। वहीं जिला प्रशासन भी महिला किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर जा रहा है।
मुरहू प्रखण्ड की जितनी देवी ने आज एक सफल महिला किसान दीदी के रूप मे अपनी पहचान स्थापित की है। इसका एक मुख्य कारण सब्जी खेती के क्षेत्र में टपक सिंचाई तकनीक का उपयोग करना है। पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से पारंपरिक खेती करती आ रही थी। लेकिन पारम्परिक तरीके से खेती करने से जितनी को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इनमें मुख्य था मौसम में बदलाव जिसके कारण दीदी को मुख्य रूप से सही समय मे फसल को ना लगा पाने एवं मौसम परिवर्तन से फसल को नुकसान जैसी समस्याओं का समाना करना पड़ा। इसके कारण दीदी को फसल का उचित मूल्य भी बाजार से प्राप्त नहीं हो पाता थे।
दीदी के जीवन में परिवर्तन आया जब जेएसएलपीएस के माध्यम से दीदी जागृति सखी मण्डल की सदस्य बनी उसके बाद आजीविका कृषक सखी के माध्यम से झिंडी परियोजना से जुडी। दीदी को परियोजना से जुड़ने के बाद टपक खेती का प्रशिक्षण दिया गया एवं उपकरण भी प्राप्त हुए जिसके मदद से दीदी ने मार्च महीने में फूलगोवी लगाने की योजना तैयार की जिसमें दीदी को कुल 14000 की लागत लगी एवं शुद्ध मुनाफा के रूप मे 40000 रु प्राप्त हुए। फूलगोवी के फसल उपरांत दीदी ने अपने खेत में बैगन का खेती की है जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है एवं मौसम में परिवर्तन से भी दीदी के खेत में फसल नुकसान नहीं होने से दीदी को खेत से अच्छी आमदनी की उम्मीद है।
जितनी देवी ने कहा कि यह प्रणाली आय का अच्छा स्त्रोत है यह हर मौसम में खेती कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। अब खेती करने में कठिनाईयों का सामना नही करना पड़ रहा है और अब अच्छे लाभ के कारण उनका परिवार खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

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