वह दिन दूर नहीं, जब देश वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जायेगा : अमित शाह

हजारीबाग: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब देश वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जायेगा।
वामपंथी उग्रवाद दिन प्रतिदिन सिकुड़ता जा रहा है। सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ चरमपंथियों पर अंतिम हमले के लिए तैयार रहें। आने वाले दिनों में देश इससे मुक्त हो जायेगा।
शाह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर हजारीबाग में आयोजित परेड में सलामी लेने के बाद अपने संबोधन में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारत की दो प्रमुख सीमाओं को अगले दो साल में पूरी तरह सुरक्षित बनाया जाएगा और इन दोनों ही मोर्चों पर करीब 60 किलोमीटर क्षेत्र में खुली जगहों को पाटने का काम जारी है।
उन्होंने कहा कि भारत के पश्चिमी और पूर्वी मोर्चे पर इन दोनों सीमाओं पर केवल 60 किलोमीटर क्षेत्र में ‘कुछ छोटे-छोटे हिस्से’ ही बचे हैं, जिन्हें पाटा जा रहा है।
शाह ने कहा कि अगले दो साल में हम इन दोनों सीमाओं को पूरी तरह सुरक्षित बना लेंगे। भारत-पाकिस्तान की 2,290 किलोमीटर लंबी सीमा और भारत-बांग्लादेश की 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर जलीय, पर्वतीय और दलदली इलाके हैं और यहां बाड़ लगाना बहुत मुश्किल काम है। ऐसे में बीएसएफ और अन्य एजेंसियां घुसपैठ रोकने के लिए तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल करती हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि किसी देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो वह कभी विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश को चंद्रमा पर पहुंचाया है, जी-20 सम्मेलन के साथ पूरे विश्व में देश की ध्वजा फहराई है और अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान से दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंचाया है। यह सब सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हमारे बीएसएफ जैसे बलों के कारण संभव हो पाया।
गृह मंत्री ने कहा कि जब भी देश में भाजपा की किसी सरकार ने सत्ता संभाली है, सीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई, चाहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या मोदी सरकार।
उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार ने सीमा पर एक ही बल के तैनात रहने की योजना लाई थी, तो मोदी सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की और मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ सुरक्षा, विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को जोड़ा।पिछले दस साल में नक्सली हिंसा की घटनाएं 52 प्रतिशत तक कम हुई हैं। इन घटनाओं में मृत्यु के मामलों में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है और प्रभावित थानों की संख्या भी 495 से घटकर 176 रह गई है। उन्होंने बीएसएफ स्थापना दिवस कार्यक्रम के बाद प्रशिक्षण केंद्र सीमा सुरक्षा बल हजारीबाग के विभिन्न संस्थानों का निरीक्षण किया।

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