स्वामी विवेकानंद 19वीं सदी में भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के राष्ट्रदुत थे: दीपक प्रकाश

रांची: भाजपा झारखंड प्रदेश मुख्यालय में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती मनाई गई। स्वामी विवेकानंद जी की चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी गई। उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि स्वामी विवेकानंद 19 वीं सदी में भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के राजदूत थे। एक तरफ अपनी सांस्कृतिक विरासत मूल्यों,आदर्शों पर गर्व करने की प्रेरणा भी दी दूसरी ओर उन्होंने भारत में व्याप्त गरीबी, छुआछूत, जातिभेद आदि विषमताओं को भारत की कमजोरी बताया। उन्होंने महसूस किया था कि भारत की गुलामी का कारण यही विषमताऐं रही थी जिसको दुर करना बेहद जरूरी था।
उन्होंने कहा कि वह युवा संन्यासी गुफाओं और जंगलों में तपस्या नहीं किया बल्कि गुलाम भारत में युवाओं को अपनी धर्म,संस्कृति , परंपरा पर गर्व करने का आह्वान किया। वर्ष 1893 में अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित प्रथम सर्व धर्म विश्व सम्मेलन में भारत की सांस्कृतिक विरासत,मूल्यों आदर्शों,की सर्व श्रेष्ठता सिद्ध की।
श्री प्रकाश ने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि आज भारत में आध्यात्मिक कर्मकांड से ज्यादा आवश्यक गरीबों,दलितों , आदिवासियों,पिछड़ों की सेवा करना है। समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक विकास को ले जाना ही स्वामी विवेकानंद जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज भारत में 21 सदी का दूसरा नाम नरेंद्र मोदी है जो स्वामी विवेकानंद (नरेंद्र दत्त)के सपनो को साकार कर रहे हैं। आज सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और अंत्योदय दोनो एकसाथ चल रहे। 21वीं शताब्दी भारत की शताब्दी बन रही। भारत तेजी से विकास के पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।

आज देश के युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी की आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए:- कर्मवीर सिंह
युवाओं को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड प्रदेश के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद जी को सच्ची श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल कर ही दी सकती है। देश की युवाशक्ति को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेते हुए राष्ट की समृद्धि में हर संभव योगदान देना चाहिए। अगर आज के युवा उनके विचारों को आत्मसात करें तो यह देश अपने आप ही मजबूत हो जाएगा।

श्री सिंह ने कहा कि शिक्षित होने का मतलब सिर्फ नौकरी प्राप्त करना या फिर डिग्री लेना नही होता है बल्कि स्वामी विवेकानंद जी ने जो कहा कि शिक्षित होने का मतलब चरित्र का निर्माण,मानव का निर्माण एवम प्राप्त ज्ञान को आत्मसात करना ही शिक्षित होना होता है। अतः आज के युवा ज्ञानी बने,चरित्रवान बने और अपने अंदर मानव का निर्माण करें।

श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा,सूरज चौरसिया, शिवपूजन पाठक,अविनेश कुमार सिंह,सूरज शहदेव सहित अन्य शामिल हैं।

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