बिजली की भारी कटौती से शहर से लेकर गांव तक त्राहिमाम :सुदेश महतो

रांची। प्रचंड गर्मी के बीच पूरे राज्य में हो रहे बिजली की भारी कटौती को लेकर आजसू पार्टी कंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है पत्र में कहा है किराज्य में प्रचंड गर्मी के बीच बिजली के लिए शहर से लेकर गांव तक त्राहिमाम है। बिजली की चरमराई हालत में सुधार को लेकर अब तक के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त है और जनमानस में भारी आक्रोश व्याप्त है। सरकार की कार्य योजना और तैयारियों के अभाव में जनप्रतिनिधियों को भी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी की शुरुआत में ही मुकम्मल कार्य योजना पर काम किए जाते, तो यह नौबत नहीं आती।

पूरे राज्य में पखवाड़ा भर से बिजली की भारी कटौती हो रही है। जगह-जगह से मिलती खबरों के मुताबिक शहर में जहां 10-12 घंटे बिजली मिल रही है, वहीं गांवों में 4-6 घंटे तक ही बिजली मिल रही है। इस वजह से पढ़ाई-लिखाई, खेती सिंचाई, व्यापार और इलाज के क्षेत्र में प्रतिकूल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। विकास और आर्थिक प्रगति भी प्रभावित हुआ है।

इस बीच झारखंड चेंबर ने मंगलवार को राजधानी रांची में प्रेस कांफ्रेंस कर बिजली की चरमराई व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए जेबीवीएनएल के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर सवाल खड़ा किए हैं।

मंगलवार को ही आपने बिजली संकट पर सरकार का पक्ष रखते हुए बताया है कि मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिल रही है। अतिरिक्त बिजली खरीदने के लिए सरकार ने 1690 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। ये कदम पहले उठाए जाते तो राज्य के लोगों को इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। खबरों के मुताबिक जेबीवीएनएल ने लोडशेडिंग को रिशिड्यूल किया है। इसमें प्रयास होगा कि रात 12 बजे से सुबह के छह बजे के बीच लोडशेडिंग ना हो। इससे संबंधित निर्देश भी जारी किए गए गए हैं। यह रिशिड्यूल भी अप्रासंगिक प्रतीत होता है। इन दिनों कई परीक्षाएं निर्धारित हैं। पढ़ने के लिए बिजली समय पर उपलब्ध हो, इसका ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए। तात्कालिक तौर पर इस भयावह समस्या के समाधान के अलावा बिजली उत्पादन, वितरण और संचरण की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जो योजनाएं हैं, उन्हें टाइमबॉन्ड पूरा किया जाना चाहिए। अगर हम कार्य योजना और सिस्टम के तौर-तरीके पर गौर करें, तो साफ तौर पर मालूम पड़ता है कि ढाई साल में सरकार ने बिजली के क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज नहीं की है।

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