राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर, यहां मूर्तियां बोलती हैं

मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां तो पत्थर की होती हैं, लेकिन अगर मूर्ति बोलती है तो शायद इस बात पर जल्द भरोसा नहीं होगा। हां, देवी मां का एक ऐसा मंदिर है जहां मूर्ति तो पत्थर की है लेकिन उसमें से आवाजें आती है।आप इसे अंधविश्वास माने या देवी का चमत्कार कहे, लेकिन यह बात बिलकुल सही है। हम सब कुछ नकार सकते हैं लेकिन देवी-देवताओं के अस्तित्व को और उनकी शक्ति को नहीं नकार सकते। जिस चमत्कारी मंदिर के बारे में बता रहे हैं, वह बिहार के बक्सर में प्रसिद्ध राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर है।
यह ऐसा अद्भुत मंदिर है, जहां प्रवेश करते ही भक्तों को देवी दुर्गा की शक्तियों का आभास होने लगता है। ऐसा लगता है की माता रानी आपके आसपास है। क्योंकि यहां मूर्तियां आपसे बात करती हैं। इस बात के पीछे का कारण जानने वैज्ञानिक भी यहां पहुंचे थे लेकिन वे भी इसका पता नहीं लगा पाए।यह मंदिर तंत्र साधना के लिए जाना जाता है। कहा जाता है की इस मंदिर में किसी के न होने पर भी आवाजें सुनाई देती हैं। यहां साधना करने वाले हर साधकों की हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। देर रात तक साधक इस मंदिर में साधना में लीन रहते हैं। मंदिर में प्रधान देवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी है। उनके अलावा यहां दस महाविद्याओं काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, षोडसी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। दस महाविद्याओं के अलावा मां बंगलामुखी, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमा स्थापित की गई है।
इस मंदिर की स्थापना भवानी मिश्र नामक तांत्रिक ने लगभग 400 साल पहले की थी। उसके बाद से ही मंदिर की पूजा-आरती का जिम्मा तांत्रिक के ही परिवार के सदस्य संभालते आए हैं। यहां माता की प्राण-प्रतिष्ठा तंत्र साधना से ही की गई है। तांत्रिकों की आस्था इस मंदिर के प्रति अटूट है। मंदिर की सबसे अनोखी मान्यता यह है कि निस्तब्ध निशा में यहां स्थापित मूर्तियों से बोलने की आवाजें आती हैं। मध्य-रात्रि में जब लोग यहां से गुजरते हैं तो उन्हें स्पष्ट आवाजें सुनाई देती हैं।
वैज्ञानिकों ने भी माना
वैज्ञानिकों का मानना है की यह कोई वहम नहीं है। इस मंदिर के परिसर में कुछ शब्द गूंजते रहते हैं। वैज्ञानिकों की एक टीम ने यहां काफी शोध करने के बाद बताया की यहां पर शब्द भ्रमण करते रहते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों ने माना कि यहां कुछ न कुछ अजीब घटित होता है।

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