कांग्रेस विधा शिल्पी नेहा तिर्की ने कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में कार्यरत कर्मियों के मानदेय विसंगतियों को दूर करने का आग्रह किया

रांची : मांडर से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है.पत्र में उन्होंने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कार्यरत राज्य के सभी शारीरिक शिक्षक शिक्षिकाओं के मानदेय विसंगति को दूर करने का आग्रह किया है.

साथ ही उन्होंने पत्र में अन्य शिक्षिकाओं के समतुल्य इन्हें मानदेय भुगतान किए जाने का संबंधित विभाग को निर्देश देने का आग्रह किया है.

पत्र के मुख्य बिंदु.

उन्होंने लिखा है कि झारखण्ड के 203 कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षिकाओं के 288 पद अब भी खाली है। इन विद्यालयों में चली नियुक्ति प्रक्रिया में 1015 पदों में से 727 पदों पर शिक्षिकाओं की ही नियुक्ति हो सकी जबकि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को 15 अक्टूबर तक सभी रिक्तियाँ भरने का निर्देश दिया है। वहीं राज्य के 24 जिलों के विभिन्न प्रखण्डों में 12 वर्षों से कार्यरत शारीरिक शिक्षिकाएँ आवासीय परिसर में रहकर 6 वीं से 12 वीं वर्ग के सभी छात्राओं को शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक रूप से सर्वांगीण विकास कर स्वस्थ्य, सबल तथा अनुशासित नागरिक बनाने का कार्य कर रहीं हैं, परन्तु इन शारीरिक शिक्षिकाओं की नियुक्ति प्रक्रिया अन्य शिक्षिकाओं के समतुल्य होते हुए भी मानदेय में काफी विसंगति है।

कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालय में शारीरिक एवं अन्य शिक्षिकाओं का मानदेय 8000 /- रूपये है। झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद की दिनांक 22.10.2009 को हुई 24 कार्यकारिणी की बैठक में 25% वेतन की वृद्धि की गयी थी और इसी बैठक में शारीरिक शिक्षिकाओं का पद भी सृजित किया गया। परन्तु शारीरिक शिक्षिकाओं को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है.

दिनांक- 16.10.2014 को हुई झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद्, राँची की 39वीं कार्यकारिणी की बैठक के आलोक में संघ द्वारा दी गयी पृष्ठभूमि के कंडिका (06) में माँग की गई थी कि शारीरिक शिक्षिकाओं को भी कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालय के अन्य शिक्षिकाओं की तरह 25% मानदेय वृद्धि का लाभ प्रदान किया जाय, जिसके आधार पर निर्णय संख्या (ग) में शारीरिक शिक्षिकाओं को अन्य शिक्षिकाओं की भाँति लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया गया था, परन्तु राज्य कार्यकारिणी समिति द्वारा लिए गए निर्णय का अवहेलना करते हुए अभी तक शारीरिक शिक्षिकाओं के वेतन में 25% बढ़ोत्तरी का लाभ नहीं दिया गया.

परिषद द्वारा वर्तमान में निर्गत आदेश पत्रांक-GE/08/156/2021-22/711, दिनांक- 24.03.2022 के अनुसार कंडिका (02) में स्पष्ट किया गया है कि मानदेय में 20% की वृद्धि एवं सभी पूर्णकालिक शिक्षिकाओं (शारीरिक शिक्षिकाओं सहित) का पूर्व में समय-समय पर की गयी वेतन वृद्धि के अनुसार (वार्षिक वृद्धि सहित) एक समान लागू होगी। झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा स्पष्ट आदेश निर्गत होने के उपरांत भी शारीरिक

शिक्षिकाओं को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में शिक्षिकाओं की नियुक्ति संविदा पर होती है एवं संविदा विस्तार की स्थिति में वेतन में 250 /- रूपये की वार्षिक वृद्धि होती है, परन्तु शारीरिक शिक्षिकाओं को राज्य के किसी भी जिला में इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है।

विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पत्र में अंकित बिंदुओं पर सीएम से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. ज्ञात हो कि विधायक शिल्पी नेहा तिर्की से लगातार शिक्षिकाओं ने मिलकर इस मामले में पहल करने का अनुरोध किया था.

पत्र लिखे जाने के संदर्भ में विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि सब की समस्याओं को उचित पटल पर रखना मेरी जिम्मेवारी है और इसे बखूबी करने का प्रयास कर रही हूं. उन्होंने उम्मीद जताया कि सीएम इस मसले पर त्वरित संज्ञान लेंगे और मामले का जल्द निष्पादन होगा.

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