राज्य और राज्य वासियों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध: सीएम

कोलेबिरा में155 करोड़ 78 लाख 19 हज़ार 440 रुपए की लागत वाली 1453 योजनाओं का किया उद्घाटन-शिलान्यास

सिमडेगा: आपकी योजना -आपकी सरकार- आपके द्वार” अभियान के तहत लग रहे शिविरों में मेले जैसा माहौल है। यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और सरकार की योजनाओं की जानकारी लेने के साथ उससे जुड़ भी रहे हैं। इन शिविरों में अधिकारियों का दल पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं को ना सिर्फ सुन रहे हैं बल्कि उसका समाधान भी कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि पिछले दो चरणों की तरह तीसरा चरण भी काफी सफल और प्रभावी रहेगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन बुधवार को सिमडेगा जिले के कोलेबिरा में आयोजित “आपकी योजना- आपकी सरकार -आपके द्वार” के तीसरे चरण को लेकर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहे लोगों के साथ सीधा संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड शुरू से ही वीरों की धरती रही है। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो -कान्हू नीलांबर- पीतांबर, तेलंगा खड़िया जैसे कई अमर वीर शहीदों ने अंग्रेजों और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी शहादत दी। वहीं, झारखंड अलग राज्य के लिए 40 वर्षों तक चले आंदोलन में सैकड़ो लोगों ने अपनी कुर्बानी दे दी। आज भी यहां के आदिवासी मूलवासी संघर्ष कर रहे हैं। हमारी सरकार इन वीर शहीदों का झारखंड बनने के साथ यहां के आदिवासियों- मूल वासियों, आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के बने 23 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन, इसका अपेक्षित विकास नहीं हो सका। यहां तमाम खनिज पाए जाते हैं। प्राकृतिक संसाधनों की बहुलता है। जल- जंगल- जमीन से यह धनी है। यहां के लोग मेहनती हैं। फिर भी यह राज्य पिछड़ा है। रोजी-रोटी के लिए लोगों का पलायन होता आ रहा है। लेकिन, किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया। जब से हमारी सरकार बनी है राज्य से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का आकलन करते हुए उसी के अनुकूल योजना बनाकर धरातल पर उतार रहे हैं , ताकि राज्य के साथ राज्यवासियों का भी विकास तेज गति से हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक सरकार अपने लोगों को सामाजिक सुरक्षा का कवच नहीं देगी राज्य मजबूती से आगे नहीं बढ़ेगा, इसी सोच को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू किया है इस स्कीम के तहत सभी बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों का पेंशन सुनिश्चित किया जा रहा है। वहीं, सरकारी कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना का तोहफा हमारी सरकार ने दिया है, क्योंकि पेंशन को उनके बुढ़ापे की लाठी होती है। हमारी सरकार हर किसी को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के 11 लाख लोगों का राशन कार्ड पहले छीन लिया गया था। लेकिन, हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशनकार्ड जारी किया है और इन्हें बाजार भाव से अनाज खरीद कर दिया जा रहा है । अब हर राशन कार्डधारी को अनाज के साथ एक किलो दाल भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब और घर विहीन लोगों को तीन कमरों का सुसज्जित मकान दिया जाएगा। इसके लिए अबुआ आवास योजना शुरू की गई है। इसके तहत अगले 3 सालों में 8 लाख मकान बनाए जाएंगे। वहीं, गांव और शहरों के बीच निरंतर कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की गई है। सभी बुजुर्ग, दिव्यांग और विद्यार्थियों को इस योजना के तहत निःशुल्क बस परिवहन की सेवा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के हर वर्ग और तबके के लोगों का आगे बढ़ने का रास्ता सरकार ने खोल दिया है। नौजवानों को सरकारी नौकरी के साथ निजी क्षेत्र में भी ऑफर लेटर बड़े पैमाने पर दिया जा रहा है। स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना है। किसानों पशुपालकों और मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री पशुधन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और दीदी बाड़ी योजना जैसी कई योजनाएं है। सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत गरीबों को वर्ष में दो बार वस्त्र दिया जा रहा है। हड़िया-दारु बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो- झानो आशीर्वाद योजना चल रही है। बच्चियों की पढ़ाई के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना है। मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में पढ़ने के लिए आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है। ऐसी और अनेकों योजनाएं हैं , जिनके माध्यम से यहां के आदिवासी, दलित अल्पसंख्यक, पिछड़े, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और नौजवानों को सशक्त करने का काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना है। क्योंकि, इसी के लिए उन्हें तनख्वाह मिलता है । ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से निभाएं। जो अच्छा काम करेंगे उन्हें सरकार पुरस्कृत करेगी । इसके साथ उनकी जायज मांगों और समस्याओं पर सरकार हमेशा सकारात्मक निर्णय लेते आई है और आगे भी ऐसा ही करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम समय रहते नहीं चेते तो आदिम जनजाति विलुप्ति के कगार पर पहुंच जाएगी। हमारी सरकार आदिम जनजातियों को सशक्त करने की दिशा में लगाकर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में आदिम जनजाति के विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग कराई जा रही है । मुझे पूरा विश्वास है कि ये बच्चे अपनी मेहनत से अपना मुकाम हासिल करेंगे और कलेक्टर तथा अन्य बड़े अधिकारी बनकर अपने परिवार और जनजाति का नाम रोशन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिमडेगा- खूंटी का इलाका हॉकी के लिए जाना जाता है। यहां के घर-घर में हॉकी की दीवानगी देखने को मिलती है। इसी का परिणाम है कि यहां से कई कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी निकले हैं, जो अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए यहां कई स्टेडियम बनाए जा रहे हैं । हाल ही में एशियन हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी झारखंड ने शानदार और भव्य तरीके से की, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। अगले वर्ष जनवरी में भी यहां ओलंपिक क्वालीफाइंग होना है। यह इस बात को बताने के लिए काफी है कि सरकार हॉकी जैसे खेलों को आगे बढ़ाने के लिए कितना प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 20 करोड़ 99 लाख 65 हज़ार 111 रुपए की लागत से निर्मित 653 योजनाओं का उद्घाटन किया। वहीं, 800 योजनाओं की आधारशिला रखी । इन योजनाओं पर कुल 134 करोड़ 78 लाख 54 हज़ार 339 रुपए ख़र्च होंगें। इस तरह 155 करोड़ 78 लाख 19 हज़ार 440 रुपए की 1453 योजनाओं का तोहफा सिमडेगा वासियों को मिला। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 40321 लाभुकों के बीच 31 करोड़ 17 लाख 62 हज़ार 385 रुपए की परिसंपत्ति प्रदान कर उनके सशक्तिकरण और स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया।
इस अवसर पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता और बादल, विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी, भूषण बाड़ा और भूषण तिर्की, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे और जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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