गणादेश खासः पीएमओ के निर्देश के बावजूद अब तक नहीं सुलझा बनहर्दी कोल ब्लॉक का मामला

प्रधानमंत्री ने 2024 के पहले तक पतरातू पावर प्लांट से बिजली उत्पादन का दिया है निर्देश
बिजली बोर्ड के खाते में अब तक जमा नहीं हो पाया है बनहर्दी कोल ब्लॉक में हुई अनियमितता की राशि
कैसे होगा लातेहार में मौजूद बनहर्दी कोल ब्लॉक से कोयला का खनन
रांचीः बिजली कंपनी के इंजीनियर पीएमओ(प्रधानमंत्री) कार्यालय का भी निर्देश नहीं मानते हैं। प्रधानमंत्री ने इस साल मई में पतरातू में बन रहे पावर प्लांट के निर्माण कार्य से जुड़े हर पहलुओं की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीए की थी। इसमें बनहर्दी कोल ब्लॉक के खनन की बात हुई थी। लेकिन बिजली बोर्ड के इंजीनियरों के कारण अब तक डिस्प्यूट मैटर का समाधान नहीं हो पाया है। आज की तारीख तक में डिस्प्यूट मैटर का 1.43 करोड़ रुपए बिजली कंपनी के खाते में जमा नहीं हो पाया है। पीएम के साथ हुई समीक्षा बैठक में इस मामले के निपटारे पर भी चर्चा हुई थी। बताते चलें कि बिजली बोर्ड को पतरातू पावर प्लांट के लिए लातेहार में बनहर्दी कोल ब्लॉक एलॉट हुआ था। लेकिन कोल ब्लॉक से खनन नहीं होने के कारण 2011 में इसका आबंटन रद्द कर दिया गया था।
आबंटन रद्द होने के बाद 2013 में फिर हुआ था एलॉट
पावर प्लांट के लिए बिजली बोर्ड को दोबारा 2013 में बनहर्दी कोल ब्लॉक एलॉट किया गया। इसके जीआर(जूलॉजिकल रिपोर्ट) के लिए सीएमपीडीआई को कहा गया। सीएमपीडीआइ इस कोल ब्लॉक के लिए जीआर नहीं दे पाया। इसके बाद माइंस डिर्पाटमेंट ने जीआर दिया। इस कोल ब्लॉक के रद्द होने और फिर से आबंटन मिलने के बीच इंजीनियरों के काली कमाई की। इसमें लगभग 73 करोड़ रुपए खर्च किए गए। फिलहाल 1.43 करोड़ रुपए का कोई हिसाब किताब नहीं मिल रहा है। इस मामले में बिजली बोर्ड के डीजीएम रैंक के अफसर गोविंद यादव और वर्तमान में संचरण निगम के फाइनांश अफसर अमित बनर्जी के जांच के दायरे में आ गए। इनके खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज किया गया। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
10 वर्ग किलोमीटर ड्रिलिंग भी की जा चुकी है
कोल ब्लॉक की ड्रिलिंग की जिम्मेवारी हरियाणा की साउथ वेस्ट पिनाकल कंपनी को दी गई। कंपनी ने 10 वर्ग किलोमीटर में ड्रिलिंग भी की है। पैसे के भुगतान को लेकर कंपनी और बोर्ड के फेंका फेकी चलती रही। लेकिन अब तक करोड़ों रूपए कहां गए पता नहीं चल पाया है। फिलहाल यह कोल ब्लॉक पतरातू उत्पादन निगम लिमिटेड के जिम्मे है। पतरातू में एनटीपीसी द्वारा 4000 मेगावाट का प्लांट तैयार किया जा रहा है।
1500 मिलियन टन कोयले का है अनुमान
लातेहार के चंदवा में 4600 एकड़ में बनहर्दी कोल ब्लॉक है. बनहर्दी कोल ब्लॉक से 35 साल तक पावर प्लांट के लिये कोयला उपलब्ध होता. हर साल 10 मिलियन टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया था. इस हिसाब से 35 साल में 350 मिलियन टन कोयला निकाला जाता. बनहर्दी कोल ब्लॉक के 10 वर्ग किलोमीटर में ड्रिलिंग हो चुकी है. इसमें 900 मिलियन टन कोयला का अनुमान लगाया गया है. शेष आठ वर्ग किलोमीटर में 600 मिलियन टन कोयले का अनुमान लगाया गया है. हरियाणा की साउथ वेस्ट पिनाकल कंपनी ने 10 वर्ग किलोमीटर में ड्रिलिंग की है.

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