अररिया में प्रतिमा विसर्जन के साथ दशहरा का समापन

गणादेश बथनाहा:
आज विजयादशमी है। आज ही माता दुर्गा के आशीर्वाद से प्रभु राम ने दस शीश वाले रावण का वध किया था। अतः विजया दशमी को लोग दशहरा भी कहते हैं। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से आश्विन शुक्ल दशमी तिथि तक चलने वाला यह पर्व हिंदू समाज का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। जिसका आज समापन मूर्ति विसर्जन के साथ और जयंती को धारण करने के साथ हुआ।बथनाहा ओपी क्षेत्र में रिकटगंज, बथनाहा कॉलोनी एवं स्टेशन चौक पर मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित हुई थी। जिसका आज विजयादशमी को श्रद्धा, भक्ति और अश्रुपूरित नयनों के साथ समापन विसर्जन किया गया। रिकटगंज स्थित दुर्गा मंदिर यूं तो भवन नवनिर्मित है, किंतु सैकड़ों वर्षों से दुर्गा जी की प्रतिमा बनती आ रही है। भद्रेश्वर स्टेट के जमींदार स्व जनकलाल मिश्र के पीढ़ी आज भी सैकड़ों वर्षों के परम्परा को निभाते आ रहे हैं। बथनाहा ओपी क्षेत्र ही नहीं बल्कि फारबिसगंज एवं नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के आसपास के गांवों से श्रद्धालु भी यहां दर्शन करने आते हैं। इस कारण रिकतगंज मे काफी भीड़ रहती है। सबसे बड़ी बात ये है कि मंदिर के आसपास मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक हैं लेकिन आजतक कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी है,अपितु मंदिर संचालन से लेकर मेला संचालन में उनका भरपूर सहयोग रहता है। रिकटगंज मे फारबिसगंज क्षेत्र का सबसे बड़ा दुर्गा पूजा मेला लगता है। अतः भीड़ होना लाजमी है किंतु किसी की भी बाइक अथवा अन्य सामान चोरी की बात सामने नहीं आती है। कई मुस्लिम दुकानदार भी अपना दुकान सजाते हैं।नवमी के दिन लगातार वर्षा के कारण जो श्रद्धालु दर्शन करने नहीं पहुंच पाए थे वे विजया दशमी को दर्शन करने पहुंचे जिसकारण आज बहुत ही ज्यादा श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा था। अम्बे अम्बे जय जगदम्बे के नारों के साथ तीनों स्थानों का मूर्ति भद्रेश्वर नहर में विसर्जित किया गया।

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