बेटी,तुम नाना के साथ रहना,कहकर गई और फांसी पर झूल गई…

गणादेश ब्यूरो
शेखपुरा: वह जिले की जानी मानी नेत्र रोग विशेषज्ञ थी। हर साल सैकड़ों गरीबों का भी मुफ्त में मोतियाबिंद ऑपरेशन करती थी। पर पति से विवाद क्या हुआ कि डॉ बरखा सिंह ने अपनी जिंदगी ही कुर्बान कर दी।

अपनी बेटी को नजदीक में रह रहे पिता डॉ एमपी सिंह की गोद में वह यह कहकर छोड़ आयी थी कि बेटा,तुम नाना के पास ठीक से रहना। मैं आती हूं। फिर डॉ बरखा कभी नहीं लौटने की यात्रा पर चली गयी।
बेटी को पिता के घर छोड़कर अपने घर गई डॉ बरखा सिंह ने बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसने भी यह सुना। दौड़ पड़ा।

रिटायर्ड सिविल सर्जन पिता डॉ एमपी सिंह ने कहा कि मैंने समझाया था कि पति पत्नी में झगड़े होते हैं। पर जब दामाद का फोन आया कि आधे घन्टे से वह बाथरूम में है तो अनहोनी की आशंका हुई। और मेरी बेटी की कहानी खत्म हो गई।

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