तीन राज्यों में भगवा लहराने के बाद भाजपा झारखंड में भी सभी सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में..

रांची: हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत के बाद पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद है। कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ अब मिशन 2024 फतह करने के लिए जुट गए हैं।
वहीं पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से दूसरे दल के कार्यकर्ता भी हैरान हैं और अपने भविष्य कही और तलाश रहे हैं।
छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का असर झारखंड पर भी पड़ सकता है। आम जनता के बीच पीएम मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं हुई है। एक सर्वे के मुताबिक यदि इस महीने लोकसभा चुनाव हो जाए तो देश के अन्य राज्यों में तो कमल खिलेगा ही झारखंड में भी सभी14सीटों पर भगवा लहर जायेगा। वैसे लोकसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम समय रह गए हैं। पूरे देश में खासकर हिंदी पट्टी के राज्यों में मोदी मैजिक बरकरार है। इंडिया एलाइंस पीएम मोदी के मैजिक को कम करने में असफल रही। यही नहीं विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद इंडिया एलाइंस की अगली बैठक में कई घटक दल शामिल नहीं होने की घोषणा कर चुके हैं। इंडिया एलाइंस में कांग्रेस कमजोर पड़ती नजर आ रही है। एनडीए का मुकाबला करने के लिए अब नए सिरे से एलाइंस करना होगा।
अब बात करते हैं झारखंड की।यहां पर लोकसभा की14 सीटें है,जिसमे12पर एनडीए का कब्जा है।
एक पर कांग्रेस और एक पर झामुमो का कब्जा है।
लेकिन, यही स्थिति रही तो आने वाले लोकसभा चुनाव में सभी 14 पर एनडीए का कब्जा हो सकता है।
लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक के सहारे भाजपा सभी14सीटों पर कब्जा पा लेगी। लोकसभा चुनाव का असर विधानसभा चुनाव पर भी हो सकता है। पूर्व सीएम बाबूलाल पूरे राज्य में पहले संकल्प यात्रा पर थे और अब मोटरसाइकिल यात्रा कर रहे हैं। उनका फोकस ट्राईवल सीटों पर अधिक है,क्योंकि झामुमो का अधिकांश ट्राईवल सीटों पर पहले से ही कब्जा है। इसलिए भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
वैसे राज्य के मुख्यमंत्री सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भाजपा की शक्ति को भांपते हुए पूरे राज्य में जनता आपके द्वार कार्यक्रम चला कर जनता को अपने पक्ष में करने में लगे हुए हैं। इसमें कमजोर कांग्रेस,राजद और जेडीयू हो रही है। हालांकि कांग्रेस,राजद और जेडीयू जिला स्तर पर पार्टी के कार्यक्रम को चला रही है। लेकिन धरातल पर भाजपा और झामुमो ही दिख रहा है।
लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, झारखंड में भाजपा का सीधे तौर झामुमो से ही मुकाबला होने वाला है। झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में झामुमो की पकड़ मजबूत है, इसमें कोई दो राय नहीं है। वहीं गैर आदिवासी क्षेत्रों में भी सीएम हेमंत सोरेन पार्टी की मजबूत स्थिति बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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