स्कोडा की कुशाक लेकर अपने को ठगा महसूस कर रही 72 वर्षीय शारदा साबू

खूंटी: भारत में निर्मित कार पर भरोसा नहीं कर विदेशी कार स्कोडा की कुशाक खरीदने की सजा 72 वर्षीय शारदा साबू भुगत रही है।
दरअसल,मुरहू प्रखंड के उप प्रमुख व्यवसाई अरुण कुमार साबू ने अपनी माता शारदा साबू को विदेशी गाड़ी स्कोडा की कुशक गिफ्ट किया था। लेकिन गाड़ी में कुछ ही दिनों में तकनीकी समस्या आ गई और उसे रांची के सर्विस सेंटर में भेजा गया। एक दो दिनों में ठीक होने की बात कह कर पिछले 72दिनों से खराब कार शोर रूम की शोभा बढ़ा रही है। उस विदेशी गाड़ी की इंडिया में पार्ट्स ही नहीं मिल रही है।
वहीं शारदा साबू को बहुत दुख हुआ है कि उनके पुत्र अरुण साबू और शंकर साबू ने जो उन्हें गिफ्ट दिया था, उसका लाभ नहीं ले पा रही हैं।
इसका मुख्य कारण है कि स्कोडा गाड़ी की एक वायर जो कंपनी के पास पिछले 75 दिनों से खड़ी है। पार्ट्स नहीं मिल रही है और कंपनी ने मां को ठग कर बिक्री की है। उनको इस बात का अंदेशा नहीं था कि इस विदेशी गाड़ी की एक्स्ट्रा पार्ट्स भारत में उपलब्ध नहीं है।
वहीं अरुण साबू ने बताया कि स्कोडा इंडिया नाम से उन्हें भी बेवकूफ बनाया गया है। इंडिया नाम लिखा देख कर यही बताया कि गाड़ी का सारा सामान यही इंडिया में बनता है ।
अरुण साबू ने कहा मां की सुविधा के लिए मेहनत और शौक से खरीद कर दिया था। लेकिन कंपनी की लापरवाही और डीलर की शिथिलता के कारण आज तक कार नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैंने लोकल कंपनी टाटा मारुति महिंद्रा की गाड़ी क्यों नहीं खरीदा। शारदा साबू ने बताया कि इन वाहन को जो मात्र 8000 किमी चली है उसे बेच देंगे।उसकी जरूरत अब नहीं है और लोकल कंपनी की गाड़ी ही लेंगे ।
शारदा साबू ने कहा कि स्कोडा जर्मनी की गाड़ी है। जितनी सुविधा उस गाड़ी में है, उससे ज्यादा हमारे टाटा मोटर्स में है और मारुति महिंद्रा भी उसी सुविधा में आ रही है। स्कोडा के इंडिया प्रमुख अपने ग्राहकों से बात नहीं करते हैं। जबकि भारत में निर्मित कार कंपनी के प्रमुख समस्या का निवारण तत्काल करते हैं।
अरुण साबू ने कहा कि पीएम मोदी से अपील है कि ऐसी विदेशी कंपनी की गाड़ियों का भारत में बिक्री पर रोक लगाई जाए। स्कोडा कंपनी पर करवाई की जाय।
भारत में लोकल फॉर वोकल ही कारगर है।

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