झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 से 23 दिसंबर तक,स्पीकर ने की हाईलेवल मीटिंग

रांची : झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र19 से 23 दिसंबर तक होना है। सत्र की तैयारी को लेकर शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने हाई लेवल मीटिंग की।

इसमें सभी विभागों के सचिव शामिल हुए। स्पीकर ने लंबित प्रश्नों का जवाब समय पर देने का निर्देश दिया। शीतकालीन सत्र में हेमंत सरकार अपना दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। सत्र हंगामेदार होने की आशंका है। गौरतलब है कि झारखंड में इस समय सियासी हलचल तेज है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साहेबगंज में हुए एक हजार करोड़ के अवैध खनन मामले में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। चुनाव आयोग का मंतव्य राजभवन में पड़ा हुआ है ।जाहिर है विपक्ष इसे मुद्दा बनाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने 2021 में संशोधित नियोजन नीति को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस मुद्दे पर भी विपक्ष राज्य सरकार को घेरने से बाज नहीं आएगी। इसके अलावा बिजली संकट , राज्य में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी राज सरकार को घेरने का विपक्ष प्रयास करेगी।
वहीं शीतकालीन सत्र को लेकर खिजरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि यह सत्र राज्य की विकास के लिए महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोगों को रोजगार कैसे उपलब्ध कराया जाय,ब्यूरोक्रेट की मनमानी पर लगाम कैसे लगाया जाय, सीएनटी एसपीटी एक्ट के होने के बाद भी यहां की भूमि की बंदरबांट की गई है,ऐसे तमाम सवालों को लेकर विधानसभा में चर्चा होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि खेवट टू में जिस प्रकार से बंदरबांट हुआ है,उसपर सवाल करना है। उन्होंने कहा कि खिजरी ही नहीं पूरे झारखंड की समायाओं पर विधानसभा सदन में सवाल उठाऊंगा। वहीं एचईसी की बदहाली पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। विधायक ने कहा कि इसके जिम्मेवार केंद्र की भाजपा सरकार है। मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एचईसी को टेक ओवर कराकर राज्य की जनता को बहुत बड़ा तोहफा देने की मांग करूंगा।

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