आजादी की लड़ाई में अपनी आहूति देने वाले अपने पूर्वजों का इतिहास याद रखना चाहिए: मुंडा

खूंटी: भगवान बिरसा मुंडा की कर्मभूमि डोम्बारी बुरू में मंगलवार को शहादत दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर क्षेत्र के लोग डोम्बारीबुुुरू में एकत्रित होकर 9 जनवरी 1900 को शहीद हुए शहीदों को याद किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, उपायुक्त लोकेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अमन कुमार, उप विकास आयुक्त, परियोजना निदेशक, आईटीडीए सहित अन्य अधिकारियों ने पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना के बाद भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अपनी आहूति देने वाले अपने पूर्वजों का इतिहास याद रखना चाहिए। अंग्रेजों के उलगुलान का बिगुल फूंकने वाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा सहित अन्य शहीदों को लोग भूलने लगे थे। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस रुप में मनाने का निर्णय लिया गया जो संपूर्ण भारत में संकल्प दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए लोगों से समाज, क्षेत्र व राज्य के विकास हेतु उनके पद चिन्हों का अनुकरण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अग्रेजों के विरुद्ध झारखंड में उलगुलान छेड़कर हम आदिवासियों को जीने एवं विकास का रास्ता दिखाया था। अब हमें अपने हक व अधिकार के प्रति जागरुक होकर संवैधानिक तरीके से अपने समाज, गांव एव राज्य के लिए विकास की दिशा में प्रगति के रास्ते का चुनाव करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपरा, रीति-रिवाज, संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए राज्य व राष्ट्र के विकास के लिए प्रगति का मार्ग व्यवस्थित करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी। यही भगवान बिरसा के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के विकास के प्रति केंद्र सरकार कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि पिछड़ी जनजाति समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत पेयजल, आवास, सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण, वन धन केंद्र की स्थापना, आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास सहित महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।
उन्होंने डोम्बारी बुरू के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खूंटी आंदोलन की धरती है। उन्होंने लोगों से भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद सरदार गया मुण्डा, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुडा सहित अन्य महापुरुषों के आर्दशों का अनुकरण करते हुए अपने अधिकार के लिए जागरूक होकर संवैधनिक तरीके से आगे आने का आह्वान किया।

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