27 फरवरी को कचहरी मैदान में विशाल न्याय उलगुलान सभा करने का ऐलान

खूंटी: झारखण्ड उलगुलान संघ के तत्वावधान में मंगलवार को डोम्बारी बुरू शहादत की स्मृति में वीर शहीद बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष बिरसा पार्क में आदिवासी एकता, सम्प्रभुता एवं समरसता को तहस नहस करने वाले “डीलिस्टिंग” जैसे अवैधानिक विषय को सिरे से खारिज करने, आदिवासियों के अधिकार से उनके पारम्परिक, सामुदायिक एवं धार्मिक जमीन से बेदखल करने वाली “भूमि – बैंक नीति” को निरस्त करने, सी. एन. टी एक्ट – एस. पी. टी एक्ट – विल्किन्सन रूल्स, वनाधिकार कानून एवं समता जजमेंट के ठोस क्रियान्वयन तथा पेसा कानून आधारित नियमावली के अविलम्ब निर्माण करने आदि विषयों को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक उपवास कार्यक्रम संयोजक अलेस्टेयर बोदरा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
सर्वप्रथम, डोम्बारी बुरू (सईल रकब) में शहीद हुए हजारों गुमनाम क्रांतिकारी पूर्वजों की स्मृति में वीर शहीद बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात, उपवास कार्यक्रम के दौरान ही उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि आदिवासी अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, संस्कृति एवं व्यवस्था तथा जल-जंगल-जमीन के अधिकार के आन्दोलन की इस धरती के उलगुलान द्वारा ही आदिवासियत की रक्षा हो सकती है, उलगुलान के बिना आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधानों तथा कानूनी अधिकार का क्रियान्वयन मुश्किल है।
निर्णय लिया गया कि 27 फरवरी को इन सभी विषयों को लेकर खूंटी कचहरी मैदान में विशाल ” न्याय उलगुलान सभा ” का आयोजन किया जाएगा। उपवास के उपरांत माननीय राज्यपाल महोदय के नाम मांग पत्र श्रीमान् अनुमंडल पदाधिकारी, खूँटी को सौंपा गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मसीहदास गुड़िया, जोन जुरसन गुड़िया, सुबोध पुर्ती, कुलन पतरस आईंद, बेनेदिक्त नवरंगी, कल्याण गुड़िया, बरनाबास सोय, जकरियस हस्सा पूर्ती, मनोहर सोय, शीतल बरवा नियरन बोदरा, शान्ति गुड़िया एवं गिदन बारला सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे ।

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