UPA नहीं, अब INDIA कहलाएगा विपक्षी दलों का गुट

बेंगलुरु : विपक्षी दलों की बेंगलुरु में चल रही बैठक में तय हुआ है कि अब उनके गुट का नाम INDIA होगा। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यह विपक्षी गुट पहले UPA के नाम से जाना जाता था। अब यह तमाम विपक्षी दल INDIA गठबंधन का हिस्सा होंगे। इस INDIA की फुल फॉर्म ‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्ल्युसिव एलायंस’ रखी गई है।
विपक्ष की बेंगलुरु में बैठक चल रही है। बीते दिन यानी 17 जुलाई को बैठक का पहला दिन अनौपचारिक था, जिसमें चर्चा के बाद डिनर का आयोजन हुआ था। इसके बाद आज औपचारिक बैठक हुई, जिसमें महागठबंधन के नाम पर विचार-विमर्श हुआ। बीती रात की बैठक में सभी दलों से नाम सुझाने के लिए कहा गया था और आज की बैठक के दौरान इन पर चर्चा की गई और आम सहमति से ‘INDIA’ नाम रखा गया।
बेंगलुरु में चल रही इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे खुशी है कि 26 पार्टियां एकजुट होकर काम करने के लिए मौजूद हैं। अभी हम सबकी मिलकर 11 राज्यों में सरकार है। बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं। उसने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आई और फिर उन्हें बाहर कर दिया।
खड़गे ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य की दौड़ लगा रहे हैं। उन्हें डर है कि जो एकता उन्हें यहां दिख रही है, उसका नतीजा अगले साल उनकी हार होगी। हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है। आइए हम भारत को प्रगति, कल्याण और सच्चे लोकतंत्र के पथ पर वापस ले जाने का संकल्प लें।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में कहा कि मैंने पहले ही साफ कर दिया है कि हम यह पीएम पद या सत्ता के लिए नहीं कर रहे हैं। मैंने चेन्नई में स्टालिन के जन्मदिन में भी कहा था कि कांग्रेस की सत्ता और पीएम पद में दिलचस्पी नहीं है। इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।
हमारे आपसी मतभेद हैं. लेकिन ये इतने बड़े नहीं
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि हमारे आपसी मतभेद हैं. लेकिन ये इतने बड़े नहीं हैं कि हम उनको किनारे नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए, महंगाई से जूझ रहे मध्यम वर्ग के लिए, बेरोजगारी से जूझ रहे हमारे युवाओं के लिए, गरीबों के लिए अपने मतभेदों को पीछे छोड़ सकते हैं।
दो साल बाद मिले ममता व सोनिया, एक-दूसरे की सेहत पूछी
इस बैठक में 26 दलों के नेता पहुंचे हैं। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। इन दोनों ने एक दूसरे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और हालचाल जाना। इस दौरान राजनीतिक चर्चा भी हुई। मीडिया के मुताबिक, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी के बीच करीब दो साल के बाद ये मुलाकात हुई। इससे पहले ममता जुलाई 2021 में सोनिया गांधी से उनके आवास पर मिली थीं। दोनों नेताओं के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। हालांकि ममता बनर्जी कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के उस बयान से नाराज चल रही थी, जिसमें उन्हें तानाशाह और टीएमसी कार्यकर्ताओं को गुंडा कहा गया था।

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