मोदी सरकार का कमाल, जनता के पैसे लूटकर अडाणी हुआ कंगाल: राजेश ठाकुर

रांची: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि20 साल की मेहनत मोदी जी की, जब मुख्यमंत्री थे, तब की मेहनत। जब प्रधानमंत्री बने तब की मेहनत। इतनी मेहनत करके मोदी जी ने एक गुबारा फुलाया, फुस्स, हवा निकल गई। सारे नियम, कायदे, कानून ताक पर रखकर एक आदमी को मोदी जी ने पाल-पोस कर बड़ा किया, आज क्या हुआ। ये मोदी जी और अडानी जी के बीच का मामला होता तो हमें क्या आपत्ति होती, हम भी चुप रहते, आप भी चुप रहते। अब तो आप भी चुप नहीं रह सकते, हम भी चुप नहीं रह सकते। क्योंकि ये मामला अब एक-एक भारतवासी के पसीने से कमाई धनराशि जो अब खतरे में पड़ गई है एलआईसी के माध्यम से, ये मामला वहाँ तक जाता है। हमारी, आपकी जेब पर जा पहुंचा है। एलआईसी का विज्ञापन तो हम बचपन से ही सुनते आए हैं, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। अब उसकी भी टेगलाइन बदलनी पड़ेगी। जिंदगी के साथ थी, अब अडानी जी के साथ है। ये एलआईसी की हालत है और पीएम, प्राईम मेंटोर, अडानी जी के प्राइम मेंटोर है प्रधानमंत्री जी, जो एक दम चुप। एक शब्द नहीं सुनाई देगा आपको प्रधानमंत्री जी के मुँह से।
करोड़ों, 40 करोड़ केलगभग निवेशक जिन्होंने अपनी जमा पूंजी एलआईसी में लगाई थी, उनके भविष्य का सवाल है और एलआईसी में जो अडानी एंटरप्राईसेस हैं, 1 प्रतिशत से बढ़ा कर एलआईसी ने 4.23 प्रतिशत अपना निवेश कर दिया उसमें। किसके इशारे पर किया, क्यों किया?
प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि “मित्र काल” के “हम दो हमारे दो”, देश की संपत्ति “बेच दो” ! LIC और SBI में हिस्से को Prime Minister जी ने ऐसे समूह के हवाले किया जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का इलज़ाम लगा है !
करोड़ों भारतीयों की जमा पूँजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में जो अडाणी पर आरोप लगे हैं उसकी जाँच कब होगी ?
मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साधी हुई है, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी जी से हम कहना चाहते हैं कि आप अपने परम मित्र को धोखा दीजिये, हमें उससे कोई मतलब नहीं है, पर कम से कम भारत के निवेशकों, LIC के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और SBI के 45 करोड़ खाता धारकों को तो धोखा मत दीजिये। आज देश को 3 बड़े तथ्य मालूम हैं –
पहला, अमरीका की प्रतिष्ठित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडाणी समूह पर इस देश के अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का इलज़ाम लगाया है – जिसमें 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर, डेब्ट फ्यूएलड बिज़नेस, अडाणी परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स-हेवन में बेनामी शेल कंपनियां के “एक विशाल मायाजाल द्वारा अरबों रुपये के काले धन का खुलासा किया है और इंसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनीपुलेशन के गंभीर आरोप लगाएं हैं।
दूसरा, LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों में अडाणी समूह का बेहद जोखिम भरा लेन-देन और निवेश मोदी सरकार द्वारा किया गया है। उदहारण के तौर पर –
• प्रमुख अदानी एंटरप्राइजेज में 1% से कम से LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.23% हो गई।
• अडाणी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी 1% से कम से बढ़कर 5.96% पर पहुंच गई है।
• अडाणी ट्रांसमिशन में LIC की शेयरधारिता 2.42% से बढ़कर 3.65% हो गई
• अदाणी ग्रीन एनर्जी में यह 1% से भी कम से बढ़कर 1.28% हो गया है।
LIC का आधिकारिक रूप से कहना है कि LIC का अडाणी में इक्विटी एक्सपोजर ₹56,142 करोड़ है। पर पिछले कुछ दिनों से जब अडाणी के शेयर गिर रहें हैं तब से कल तकLIC के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के ₹33,060 करोड़ डूब चुके हैं।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) और अन्य भारतीय बैंकों ने अडाणी समूह को ऋण दिया है। अदाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब ₹80,000 करोड़ का कर्ज है, जो समूह के कुल कर्ज का 38% है। उसमें से, निजी बैंकों का जोखिम कुल समूह ऋण के 8% है, जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30% है।
तीसरा, और शायद अब तक का सबसे सनसनीखेज़ ख़ुलासा जिस पर अब तक भारतीय मीडिया ने भी ध्यान नहीं दिया है, वो है, चांग चुंग-लिंग -एक चीनी बिजनेसमैन संदिग्ध गतिविधियों से भारतीय जाँच एजेंसी वाकिफ़ हैं – उसके और अडाणी समूह में क्या रिश्ता है ?
चांग चुंग-लिंग गुडामी इंटरनेशनल नाम की एक संस्था चलाता है (या चलाता था) हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि गुडामी इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड को “अडाणी समूह के रत्नों के कथित परिपत्र व्यापार में सरकारी धोखाधड़ी की जांच के हिस्से के रूप में पहचाना गया था और चांग चुंग-लिंग और विनोद अडाणी के सिंगापुर के घर का पता एक ही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, “यह एक महत्वपूर्ण मामला है, न केवल शेयरधारकों के लिए बल्कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी। “
अब सिटीग्रुप की धन शाखा ने अडाणी सिक्योरिटीज को मार्जिन ऋणों के लिए संपार्श्विक के रूप में स्वीकार करना बंद कर दिया है। कल क्रेडिट सुइस ने कहा था कि वह अडाणी बांड को संपार्श्विक के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी सरकार ने किस तरह से अपने परम मित्र अडाणी की मदद की है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अडाणी समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है, करोड़ों निवेशकों की, करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स की गाढ़ी कमाई ख़तरे में है। इस परिपेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से ये 3 ज़रूरी माँग करती है –

  1. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के देख-रेख में एक निष्पक्ष जांच हो, जिसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो।
  2. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए।
    3.LIC, SBI और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अडाणी का जोख़िम भरा निवेश है उसपर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाये और निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए उचित क़दम उठाये जाएँ।
    अंत में हम सबसे ज़रूरी बात कहना चाहतें हैं।
    हमारे नेता श्री राहुल गाँधी जी जब “सूट बूट की सरकार”, “हम दो, हमारे दो” और अब “मित्र काल” की बात करतें हैं तो वो किसी विशेष उद्योगपति की बात नहीं करते – वे उस सिस्टम की बात करतें हैं जो मोदी जी ने अपने चुनिंदा मित्रों को देश की मूल्यवान संपत्ति को लूटने के लिए इजात किया है। हम भारतीय कॉरपरेट जगत के ख़िलाफ़ नहीं है, हम क्रोनी कैपिटलिज़्म के ख़िलाफ़ है ! चुनिंदा अरबपतियों को जब नियम बदलकर फ़ायदा पहुँचाया जाता है, हम उसके ख़िलाफ़ हैं।प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सोमवार, 6 फरवरी को जिले के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की अधिकत्तम भागीदारी के साथ जिला मुख्यालयों में एलआईसी कार्यालय एवं एसबीआई कार्यालय के सामने बडे पैमाने पर मार्च और विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम सुनिश्चित करेंगे।

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