लेमन क्राइसिस: इस पंचायत चुनाव में नींबू पानी शरबत से नहीं होता स्वागत

*अब इम्यूनिटी पर भी आफत।

संजय मिश्रा
सरायकेला। आसमान छूती महंगाई के दौर में कभी पेट्रोल डीजल और रसोई के तेल महंगाई के आंसू रुला रहे हैं। इसी बीच किचन और हेल्थ का सबसे उपयोगी नींबू के तेवर भी सातवें आसमान पर है। एकाएक नींबू की कीमतों में हुई उछाल के बाद गरीबों के निवाले से नींबू नदारद हो गया है। मध्यम वर्गीय परिवार ना चाह कर भी नींबू के उपयोग से किनारा कर चुके हैं। अबकी भीषण गर्मी में सबसे महत्व की नींबू पानी शरबत लोगों के जेहन और पहुंच से दूर बनी हुई है। आसमान छूती नींबू की महंगाई के कारण लोग जाकर भी गर्मी की सुरक्षा के लिए नींबू का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। वहीं बाजार में विक्रेता भी नींबू के स्टॉक मंगाने और रखने के कतरा रहे हैं। इधर लंबे कोरोना काल में इम्यूनिटी डेवलपमेंट को लेकर नींबू का महत्व बढ़ा है। परंतु इसकी कीमतों के कारण आमजन इम्यूनिटी की सोच भी नहीं पा रहे हैं। सरायकेला बाजार में लगभग ₹400 किलो बिक रही नींबू का प्रति पीस कीमत ₹10 से ₹20 तक हो गया है। जबकि पूर्व में यह ₹5 जोड़ा की कीमत पर उपलब्ध हुआ करता था। लेमन क्राइसिस को लेकर स्थानीय विक्रेता जगन्नाथ सारंगी बताते हैं कि लोकल नींबू की उपज बाजार में नहीं पहुंचने और महाजन द्वारा ऊंची कीमत पर सीमित मात्रा में ही नींबू उपलब्ध कराए जाने के कारण नींबू की कीमतों में नजदीकी बाजारों की तरह बढ़ोतरी हुई है। जिसमें एकाएक उछाल के कारण लोग काफी कम मात्रा में नींबू की खरीददारी कर रहे हैं।

नींबू के हैं अनेक फायदे:- जानकार बताते हैं कि नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाई जाती है। जो इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बेहतर है। लिवर को स्वस्थ रखने में सहयोगी है। और पाचन क्रिया को मजबूत कर वजन कम करने में सहायक होता है। नींबू से रोग प्रतिरोधक क्षमता का शरीर में विकास होता है। इसके साथ ही त्वचा के लिए नींबू लाभकारी है।

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