खतियानी जोहर यात्रा है या मिशन 2024की फील्डिंग!

कोडरमा : झारखंड में इन दिनों झामुमो का खतियानी जोहर यात्रा शुरू हो गया है। यात्रा की शुरुआत अबरक की नगरी कोडरमा से हुई है। यह बिहार का सीमावर्ती जिला है। इस क्षेत्र में बोलचाल की भाषा मगही और खोरठा है। कोडरमा में लोकसभा और विधानसभा की सीट भाजपा के पास है। आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में झामुमो दोनों ही सीटों पर कब्जा जमाने की फिराक में है। मंगलवार को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन खतियानी जोहर यात्रा पर कोडरमा के बागीटांड़ मैदान में अपनी सरकार की उपलब्धियां और भाजपा की जमकर आलोचना की। जनसभा में करीब पांच हजार लोगों की उपस्थिति में सीएम ने कोडरमा की मूलभूत समस्याओं पर चर्चा की। खासकर अबरख पर नया कानून बनाने की बात कही है। गरीबी और बेरोजगारी होने के कारण यहां के लोग अबरख चुनकर अपनी भूख मिटाते हैं। इसपर उन मजदूरों को पुलिस के डंडे का सामना करना पड़ता है। अबरख पर नया कानून बनाने की सीएम के द्वारा घोषणा पर मजदूरों में एक उम्मीद जग गई। इसे पॉलिटिकल स्टंट भी कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कोडरमा के अलावा गांडेय में भी समय दिया और काफी लोगों से मिले। जोहर यात्रा का अगला करवा गिरिडीह है।
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो 1932का खतियान आधारित नियोजन नीति सिर्फ पॉलिटिकल स्टंट है। इससे यहां के लोगों को बहुत कुछ लाभ होने वाला नहीं है। इससे सिर्फ यहां के राजनेताओं को चुनाव में फायदा होगा। 1932का चॉकलेट दिखाकर वोट लेने का काम करेंगे।
भाजपा हो या झामुमो दोनों एक दूसरे की आलोचना कर जनता को अपने पक्ष में करने में रहेंगे। किसी भी पार्टी को जानता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। यहां के बेरोजगार युवाओं को नौकरी या रोजगार मिल जाता तो युवा भी खुश होते।लेकिन युवा अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं। उधर कांग्रेस,राजद भी मिशन 2024 को लेकर एक्टिव है। लोकसभा और विधानसभा की सभी सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है। हालांकि खतियानी जोहर यात्रा में सीएम हेमंत सोरेन के साथ राजद कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस से मंत्री या विधायक मौजूद रहते हैं। वैसे भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से कांग्रेस  मिशन 2024 की शुरुआत कर चुकी है।

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